Petrol Diesel Shortage: निजी क्षेत्र के पेट्रोल पंपों को भी रखनी होगी उपलब्धता, केंद्र सरकार ने जारी किया निर्देश

रिलायंस व नायरा के पेट्रोल पंप बंद होने से आईओसी, बीपीसी व एचपीसी के पंपों पर दबाव बढ़ गया। वहीं आईओसी के अलावा बीपीसी व एचपीसी की ओर से डिमांड के सापेक्ष सप्लाई न होने से भी परेशानी बढ़ रही है। तेल की किल्लत के कारण पिछले दिनों कई पंप ड्राई हो गए

Petrol Diesel Shortage:  निजी क्षेत्र के पेट्रोल पंपों को भी रखनी होगी उपलब्धता, केंद्र सरकार ने जारी किया निर्देश

Petrol Diesel Shortage:  

देश के अधिकतर राज्यों में पेट्रोल डीजल की कमी संबंधी लगातार मिल रही सूचना को देखते हुए केंद्र सरकार ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब निजी क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों को निर्देश दिया गया है कि उन्हें अपने पेट्रोल पंप पर सरकार की तरह निर्धारित पेट्रोल व डीजल का स्टाक सुनिश्चित करना होगा।

देश के विभिन्न राज्यों में पेट्रोल पंपों पर पेट्रोलियम उत्पादों खास तौर पर डीजल की कमी संबंधी सूचना को देखते हुए केंद्र सरकार ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब पेट्रोलियम उत्पादों की रिटेलिंग करने वाली सभी कंपनियों विशेष रूप से निजी कंपनियों को निर्देश दिया गया है कि उन्हें अपने पेट्रोल पंप पर सरकार की तरह निर्धारित पेट्रोल व डीजल का स्टाक सुनिश्चित करना होगा।

यह निर्देश यूनिवर्सल सर्विसेज आब्लिगेशन (सभी को समान तौर पर सेवा देने की बाध्यता) नियम के तहत उठाया गया है जो अब तक सिर्फ पूर्वोत्तर क्षेत्र के पेट्रोल पंपों के लिए खास तौर पर लागू किया जाता था। इसका असर निजी क्षेत्र के पेट्रोल पंपों पर होगा और वो अब कम उपलब्धता का बहाना नहीं बना पाएंगे। क्योंकि पिछले कुछ दिनों से निजी पेट्रोल पंपों पर डीजल उपलब्ध नहीं है के बोर्ड लगे हुवे दिखाई दे रहे थे। इसके पीछे पंप संचालकों और निजी क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों का तर्क होता था की आगे से डीजल की सप्लाई नहीं आरही है जबकि डीजल पर होने वाले घाटे से बचने के लिए निंजी कंपनियों ने डीजल सप्लाई कम कर दी है। 

सुनिश्चित करनी होगी उपलब्धता

सरकार का आकलन है कि इस नियम से जल्द ही देश में 2500 से ज्यादा निजी पेट्रोल पंप काम करना शुरू कर देंगे जिससे पेट्रोलियम उत्पादों की उपलब्धता बढ़ेगी। यह और बात है कि निजी पेट्रोल पंप पर यह महंगा होगा। सरकारी कंपनियां जैसे आइओसी, एचपीसीएल व बीपीसीएल पर निजी पंप के मुकाबले पेट्रोल-डीजल 10 -25 रुपये तक सस्ता है।

कीमत में इतना ज्यादा अंतर होने की वजह से निजी पेट्रोल पंप पर ग्राहक नहीं जा रहे। साथ ही ये निजी कंपनियां घरेलू खुदरा बाजार को लेकर अभी बहुत उत्साहित भी नहीं है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय हालात की वजह से इन उत्पादों को निर्यात करने में ज्यादा मुनाफा हो रहा है। सरकार की कोशिश है कि महंगी होने के बावजूद उपलब्धता बरकार रहे।

पेट्रोल डीजल की किल्लत आने की सूचना

पेट्रोलियम उत्पादों के खुदरा कारोबार का सारा बोझ अब सरकारी क्षेत्र के पेट्रोप पंपों पर आ गया है। दूसरी तरफ जब से केंद्र सरकार ने पेट्रोल व डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती की है तब से इनकी मांग काफी बढ़ गई है। तेल कंपनियों के अधिकारियों के मुताबिक मई-जून, 2022 में पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री 40 से 45 फीसद तक बढ़ गई है।

घाटा होने की वजह से जितनी ज्यादा बिक्री बढ़ रही है सरकारी कंपनियों का घाटा उतनी ही बढ़ रहा है। यही वजह है कि सरकार एससीओ के तहत कदम उठा कर सुनिश्चित किया है कि निजी क्षेत्र के पेट्रोल पंप भी खुले रहे ताकि सरकारी कंपनियों पर बोझ कम हो।

यूएसओ संबंधी नियम अब सभी तरह के पेट्रोल पंप पर एक समान लागू होंगे। हालांकि इसका जमीनी तौर पर असर कितना होगा यह देखने वाली बात है क्योंकि बहुत ही मजबूरी में कोई ग्राहक सरकारी पेट्रोल पर मिल रहे सस्ते पेट्रोल व डीजल को छोड़ कर निजी पेट्रोल पंप से खरीद करेंगे। बहरहाल, रिलायंस-बीपी और नयारा को अब अपने सारे पेट्रोल पंप खोल कर रखने होंगे।

पेट्रोलियम उत्पादों की मांग अचानक बढने के पीछे कुछ दूसरी वजहें भी हैं। इसमें एक है ग्राहकों को आने वाले दिनों में पेट्रोल डीजल के महंगा होने का भय है जिसकी वजह से उन्होंने ज्यादा खरीद कर स्टाक करना शुरू कर दिया है। दूसरी वजह यह है कि बल्क में खरीदने वाले ग्राहक भी कम कम मात्रा में रिटेल ग्राहक के तौर पर पेट्रोल-डीजल खरीदने लगे हैं।

बल्क ग्राहकों से पूरी कीमत वसूली जाती है जिससे बचने के लिए वो यह तरीका अपनाते हैं। इसमें शापिंग माल, ट्रांसपोर्ट कंपनियां या थोक में खरीदने वाले दूसरे ग्राहक शामिल होते हैं। देश में 81 हजार से ज्यादा पेट्रोल पंप हैं, जिसमें 11 हजार के करीब निजी क्षेत्र की कंपनियों के हैं।

रिलायंस व नायरा के पेट्रोल पंप बंद होने से आईओसी, बीपीसी व एचपीसी के पंपों पर दबाव बढ़ गया। वहीं आईओसी के अलावा बीपीसी व एचपीसी की ओर से डिमांड के सापेक्ष सप्लाई न होने से भी परेशानी बढ़ रही है। तेल की किल्लत के कारण पिछले दिनों कई पंप ड्राई हो गए

देखना होगा की निजी क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों अपने संचालित पंप पर पेट्रोल डीजल सप्लाई सुचारू रखते है या फिर उपभोक्ताओं को डीजल के लिए परेशान होना पड़ता है।