हम हैं बदलाव थीम पर खालवा के साधुबाबा जंगल में आयोजित हुआ अनुभूति कैंप

स्कूली विद्यार्थियों ने जंगल में जाकर सीखा वनस्पतिक चक्र और जैव विविधता का महत्व, कार्यक्रम में जिला पंचायत उपाध्यक्ष दिव्यादित्य शाह ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया और बच्चों को पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर संबोधित किया।

हम हैं बदलाव थीम पर खालवा के साधुबाबा जंगल में आयोजित हुआ अनुभूति कैंप

खंडवा। मध्य प्रदेश इको पर्यटन विकास बोर्ड द्वारा खालवा सामान्य वन परिक्षेत्र के साधुबाबा और धामा बिट क्षेत्रों में अनुभूति कार्यक्रम 2025 का आयोजन किया गया। इस वर्ष की थीम "हम हैं बदलाव" रही।

कार्यक्रम की मुख्य गतिविधियां

शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गुलाई के 125 विद्यार्थियों और शिक्षकों ने इस शिविर में भाग लिया। जंगल में उन्हें वनों, औषधीय पौधों, पेड़-पौधों और वन्यजीवों से संबंधित जानकारी दी गई।

कार्यक्रम में जिला पंचायत उपाध्यक्ष दिव्यादित्य शाह ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया और बच्चों को पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर संबोधित किया।

खालवा वन परिक्षेत्र अधिकारी अरविंद चौहान और वन विभाग की टीम ने औषधीय पौधों के उपयोग, वनों के संरक्षण और वन्यजीवों की भूमिका के बारे में विस्तार से बताया।

एसडीओ विजेंद्र सिंह झबरिया और रिटायर्ड एसडीओ डी.एस. भदौरिया ने पर्यावरण संतुलन और वनों के महत्व पर चर्चा की। डिप्टी रेंजर विश्व दीपक त्रिपाठी ने जलीय जीवों और प्रवासी पक्षियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैसे ये पक्षी हजारों किलोमीटर का सफर तय कर इस क्षेत्र में आते हैं और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखते हैं।

प्रश्नोत्तरी और पर्यावरणीय शपथ

कार्यक्रम में विद्यार्थियों के लिए प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित की गई। बच्चों ने पर्यावरण और वन्यजीवों से जुड़े सवालों के उत्तर देकर अपनी जागरूकता का प्रदर्शन किया। बच्चों को इको-फ्रेंडली वस्तुओं का उपयोग करने और पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित किया गया। अंत में, सभी ने पर्यावरण के अनुकूल जीवनशैली अपनाने की शपथ ली। इस दौरान बच्चों ने लगभग तीन किमी तक ट्रैकिंग कर ताप्ती नदी के किनारे तक जाकर जलीय जीवों क़ो भी देखा। 

वन विभाग से यह रहे मौजूद

कार्यक्रम में वन विभाग के कर्मचारी जे.पी. झरिया, मनोज उपाध्याय, विश्व दीपक त्रिपाठी, कांतिलाल मावस्कर, अंकित रघुवंशी, पंकज कुमार, जगत सिंह राजपूत, गौरव मिश्रा, जितेंद्र शर्मा, त्रिनेश पाटीदार, लखन सहारिया, पंकज सहारिया और शहबाज अली ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। कार्यक्रम का संचालन कांतिलाल पाटीदार ने किया। समापन अवसर पर विजेंद्र सिंह डाबी ने आभार व्यक्त किया।

यह कार्यक्रम विद्यार्थियों को वनों और पर्यावरण के महत्व को समझाने और उन्हें संरक्षण के लिए प्रेरित करने में सफल रहा।