जंगल पर कब्जा करने वाली महिला सरपंच पर गिरी गाज, धारा 40 के तहत कार्रवाई
खंडवा की पंचायत व्यवस्था में बड़ी कार्यवाही! बोरखेड़ा की सरपंच ज्ञानीबाई को ₹7.38 लाख के अनियमित खर्च और अतिक्रमण के आरोपों पर पद से हटाने का नोटिस। पूरी खबर पढ़ें khabarbharatnews.live

खंडवा, 13 जून 2025।
जिले की पंचायत व्यवस्था में एक बड़ी कार्यवाही सामने आई है। जनपद पंचायत पंधाना अंतर्गत ग्राम पंचायत बोरखेड़ा की सरपंच श्रीमती ज्ञानीबाई पति रूमसिंह पर गंभीर वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के चलते मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत डॉ. नागार्जुन बी. गौड़ा द्वारा पद से पृथक करने की कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है। इस संबंध में उन्हें मध्यप्रदेश पंचायतराज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 40 के तहत नोटिस जारी किया गया है।
7.38 लाख की राशि बिना योजना और स्वीकृति के खर्च
जनपद पंचायत पंधाना के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार, सरपंच श्रीमती ज्ञानीबाई ने 5वें राज्य वित्त आयोग अंतर्गत प्राप्त ₹7,38,358 की राशि का व्यय कार्यालयीन खर्चों और सामग्री क्रय में किया, जिसमें न तो कोई कार्ययोजना बनाई गई, न ही कोई तकनीकी या प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त की गई।
यह व्यय प्रक्रिया स्पष्ट रूप से वित्तीय नियमों की अवहेलना करता है, जिसे संदेहास्पद और गंभीर वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में रखा गया है।
वन भूमि पर अतिक्रमण में भी संलिप्तता
वित्तीय अनियमितताओं के साथ-साथ सरपंच पर वन विभाग की भूमि पर अवैध अतिक्रमण में भी संलिप्तता के आरोप हैं। जांच रिपोर्ट के अनुसार ग्राम पंचायत बोरखेड़ा की सीमाओं में स्थित वन भूमि पर हुए अतिक्रमण में सरपंच की प्रत्यक्ष भूमिका की पुष्टि हुई है, जिससे शासन की नीतियों और नियमों की गंभीर अवहेलना हुई है।
क्या है धारा 40 और इसका प्रभाव?
मध्यप्रदेश पंचायतराज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम की धारा 40 के अंतर्गत यदि कोई निर्वाचित जनप्रतिनिधि अपने पद के दायित्वों का निर्वहन ठीक प्रकार से नहीं करता, या वित्तीय/प्रशासनिक गड़बड़ियों में संलिप्त पाया जाता है, तो उसे पद से पृथक करने की कार्यवाही की जा सकती है।
इस धारा के तहत नोटिस दिए जाने के पश्चात संबंधित जनप्रतिनिधि को उत्तर देने का अवसर दिया जाता है, इसके बाद संतोषजनक उत्तर न मिलने की स्थिति में पद से हटाया जा सकता है।
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क्या कहता है प्रशासन?
जिला पंचायत सीईओ डॉ. नागार्जुन बी. गौड़ा ने बताया कि:
“पंचायती धनराशि का प्रयोग पारदर्शी और नियमानुसार होना चाहिए। किसी भी प्रकार की लापरवाही या अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मामले की निष्पक्ष जांच के बाद यह नोटिस जारी किया गया है।”
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जनता की नजरें अब अगले कदम पर
ग्राम बोरखेड़ा में इस कार्यवाही को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। ग्रामीणों में आश्चर्य और असंतोष की स्थिति है। वहीं प्रशासन की इस कार्रवाई को पंचायती व्यवस्था में पारदर्शिता स्थापित करने की दिशा में एक मजबूत कदम माना जा रहा है।
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