अब रूसी मिसाइलों ने यूक्रेन के शहर पर गिराए फॉस्फोरस बम

युद्ध में फॉस्फोरस बम हमले को काफी खतरनाक माना जाता है। हालांकि, इन बमों पर प्रतिबंध नहीं है, लेकिन यह तेजी से आग पैदा करते हैं, जिससे कई जानें जा सकती हैं। ऐसे में इन बमों का नागरिक क्षेत्र में इस्तेमाल युद्ध अपराध माना जाता है।

एक लंबे अरसे से रूस और यूक्रेन के बीच जंग  छिड़ी हुई है। जो अब धीरे-धीरे निर्णायक मोड़ पर पहुंच रही है। जब से यूक्रेन की ओर से क्रेमलिन पर ड्रोन हमला किया गया है रूस ने हमलों की रफ्तार बढ़ा दी है। इस बीच सूत्रों के हवाले से खबर  है कि रूसी मिसाइलों ने यूक्रेन के शहर बखमुत पर फास्फोरस बम दागे हैं। जिसमें यूक्रेन शहर बखमुत को जलते हुए बताया जा रहा है। 

गौरतलब है कि रूस की ओर से यूक्रेन पर फास्फोरस बम का हमला तब किया गया है, जब यूक्रेन की ओर से क्रेमलिन पर ड्रोन अटैक का दावा किया गया था। रूस ने कहा था कि यह हमला रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की हत्या के लिए किया गया था। आइए ऐसे में जानते हैं क्या होता है फॉस्फोरस बम और कितना खतरनाक है ये बम...

क्या है फॉस्फोरस बम और कितना खतरनाक है?

फॉस्फोरस एक केमिकल होता है, जिसकी खरीदारी पर तो कोई प्रतिबंध नहीं है, लेकिन इससे तैयार बम को इस्तेमाल को लेकर नियम हैं दरअसल, फॉस्फोरस मुलायम रवेदार रसायनिक पदार्थ होता है यह ऑक्सीजन के सम्पर्क में आने पर तेजी से जलने लगता है इसमें से लहसुन जैसी गंध आती हैयही वजह है कि इससे तैयार बम तेजी से आग को फैलाता है। 

यह कितना खतरनाक है, अब इसे समझ लेते हैं. फॉस्फोरस का टेम्प्रेचर 800 डिसे. से अधिक होता है. जब इसका धमाका होता है तो इसके कण बहुत दूर तक फैलते हैंये शरीर में पहुंचने या इनके सम्पर्क में आने वाले इंसान की जान भी जा सकती है इसका धुआं इंसान का दम घोट देता है यही वजह है कि इसके धुएं के गुबार में फंसे लोग दम तोड़ देते हैं फॉस्फोरस स्किन के अंदरूनी टिश्यू को बुरी तरह से डैमेज कर देता है यह अंदरूनी अंगों तक को नुकसान पहुंचा सकता है। 

इंटरनेशनल कमेटी ऑफ द रेड क्रॉस के मुताबिक, जब फॉस्फोरस को किसी जगह पर गिराया जाता है तो इसका असर सैकड़ों किलोमीटर तक के दायरे में होता है. खास बात है कि फॉस्फोरस बम तब तक जलते रहते हैं जब तक आसपास के जगह की ऑक्सीजन खत्म नहीं हो जाती है जिस हिस्से में हमला होता है वहां मौजूद लोगों के शरीर पर फॉस्फोरस के कण छिटककर इंसानों के शरीर से चिपक जाते हैं और इसमें मौजूद फॉस्फोरिक पेंटोक्साइड केमिकली स्किन में मौजूद पानी से रिक्शन करके नुकसान पहुंचाता है।