पुलिस जंगल में जाकर अवैध शराब के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, जिले भर में आबकारी विभाग अवैध अहातों में बिकवा रहा शराब

शराब दुकानों के साथ प्रतिबंध के बावजूद धड़ल्ले से अवैध आहते संचालित किए जा रहे है। साथ ही जिले के गांवों में चाय पान कि दुकानों पर भी शराब माफिया द्वारा देशी विदेशी मंदिरा खुलेआम बिकवाई जा रही है ...

पुलिस जंगल में जाकर अवैध शराब के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, जिले भर में आबकारी विभाग अवैध अहातों में बिकवा रहा शराब
khabarbharatnews.live
पुलिस जंगल में जाकर अवैध शराब के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, जिले भर में आबकारी विभाग अवैध अहातों में बिकवा रहा शराब

खंडवा। जिले में जहां पुलिस विभाग अवैध शराब के कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए दूरस्थ जंगलों में जाकर भी कार्रवाई कर लाखों रुपए मूल्य की  हजारों लीटर शराब को नष्ट कर प्रभावी कार्रवाई कर रहा है वहीं नशे के कारोबार पर नियंत्रण के लिए जिम्मेदार आबकारी विभाग नशे के कारोबारियों को संरक्षण प्रदान कर रहा है जिसके चलते जिले भर में लाइसेंसी शराब दुकानों के साथ प्रतिबंध के बावजूद धड़ल्ले से अवैध अहाते संचालित किए जा रहे है। साथ ही जिले के गांवों में चाय पान कि दुकानों पर भी शराब माफिया द्वारा देशी विदेशी मंदिरा खुलेआम बिकवाई जा रही है वहीं ढाबों और होटलों को अवैध रूप से लाइसेंसी बारों से भी ज्यादा बड़े पैमाने पर शराब परोशने की अघोषित अनुमति दे रखी हैं। और उसके लिए बकायदा डायरी मेंटेंकर विभागीय वसूली का लेखाजोखा रखा जा रहा हैं। आइए आपको बताते है कहां कहां आबकारी के संरक्षण में बिक रही है अवैध शराब...

शहर के पॉश इलाके आनंद नगर में शराब दुकान के पीछे अवैध अहाता

खंडवा शहर के सबसे पॉश इलाके के रूप मे जाने जाने वाले आनंद नगर एरिया में जहां वर्षों से रहवासी क्षेत्र में संचालित हो रही शराब दुकान का क्षेत्रवासी कई वर्षों से लगातार विरोध कर रहे हैं वहीं पिछले कई महीनों से यहां शराब दुकान के साइड से रास्ता बना कर पीछे खुले आम अवैध अहाता संचालित किया जाकर शराब के जाम छलकाए जा रहे है। सबसे बड़ा सवाल तो यह है की जिला मुख्यालय पर शहर के सबसे संभ्रांत कहे जाने वाले क्षेत्र में यह सब गौरख धंधा किसके संरक्षण में चलाया जा रहा है। यहां के रहवासियों का कहना है की कई बार शिकायते करने के बावजूद संबंधित विभाग और प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं करता है जिसके चलते शराब माफिया के हौसले बुलंद है। यहां सायंकाल में महिलाएं घरों से निकलने में भी डर महसूस करती है क्योंकि कई बार शराबी यहां से निकल कर सड़क पर खड़े रहते है और निकलने पर भद्दे कॉमेंट्स करते हैं।

शहर में शराब दुकानों के बाहर सड़क पर छलक रहे जाम

शहर के नए बस स्टैंड के पास स्थित संजय नगर वाइन शाप  के पास ठेकेदार के गुर्गों द्वारा ही पानी बोतल, पानी पाउच और डिस्पोजल गिलास के साथ ही वेज नानवेज चखना आदि भी खोमचा लगा कर बेचा जा रहा है यहां रोड किनारे शराब दुकान के साइड में शराबी झुंड बना कर तो कोई खड़े होकर शराब खोरी कर रहे है। यहां शराब दुकान संचालक को आबकारी विभाग के क्षेत्रीय इंचार्ज का संरक्षण इतना है की वह बैखोफ नियमों की धज्जियां उड़ाकर शराब पीने की छूट देता है यहां लगभग आठ दस बोरी खाली बोतलें रोजाना इकट्ठा होती है। यहां शराब दुकान के मैनेजर आनंद जैन का कहना है की पूरे शहर में ऐसे आहते चल रहे हैं, सब पीने देते है तो हैं तो हम भी पीने देते है, हमारी दुकान से पानी चखना नही बेचते है दूसरे ठेकेदारों की दुकान से तो वह भी बिकता है। वहीं इसी ग्रुप की पड़ावा स्थित शराब दुकान के बिलकुल बाजू में जहां माता मंदिर है वहीं शराब दुकान के बाजू से रास्ता निकाल कर पीछे एक रेस्टोरेंट का बोर्ड लगा कर अवैध मयखाना संचालित किया जा रहा है। जहां बैठकर शराबियों को शराब के साथ ही कबाब भी टेबल कुर्सी पर बैठा कर परोसा जाता हैं।

शहर में कुल 4 लाइसेंसी बार, अवैध चल रहे दर्जनों होटल - ढाबे

वैसे कागजों में तो खंडवा शहर में कुल 4 लाइसेंसी बार है जिनमे से 2 "एफ एल 3" केटेगरी के है और 2 "एफ एल 2" केटेगरी के अंतर्गत संचालित होने के लाइसेंस विभाग द्वारा जारी किए गए है परंतु इनके अलावा शहर और आसपास के क्षेत्र में दर्जनों होटल एवं ढाबों पर अवैध रूप से शराब के अड्डे संचालित किए जा रहे है, आबकारी विभाग के सूत्र बताते है की इनके लिए बकायदा अलग अलग क्षेत्र के बिट इंचार्ज के अधीनस्थ विभागीय कर्मचारियों सहित कुछ अन्य अशासकीय एजेंटों के माध्यम से डायरी संचालित की जाती है जिसके माध्यम से बड़ी भारी वसूली विभाग के अधिकारियों तक उनके कमाईपुत संग्रहक जुटाकर पहुंचाते है इस अघोषित व्यवस्था को विभागीय भाषा में "डायरी" मेंटेन करना कहा जाता है। बताया जाता है की इसी डायरी के माध्यम से ही शहर के बारों पर बिकने वाली शराब का भी हिसाब किया जाता है। क्योंकि बार में शराब बोतल या क्वार्टर के मान से नहीं बल्कि पैग के हिसाब से परोसी जाती हैं, जिसमे की तगड़ी सेटिंग विभागीय जिम्मेदारों की होती है।

गांवों में चलती है ठेकेदार की लाईन, तीर्थनगरी में भी पहुंचती है शराब

शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्र में भी अवैध रूप से शराब का कारोबार खूब चलता है जहां जिले भर ग्रामीण क्षेत्र में कुल 30 - 32 दुकान ही ग्रामीण क्षेत्र में है बावजूद इसके जिले के लगभग हर छोटे बड़े गांव में चाय पान की गुमटियों और किराने की दुकानों पर शराब माफिया के गुर्गों द्वारा शराब मुहैया करवा कर बिकवाई जाति है, जिसे लाइन कहा जाता है जिसके माध्यम से लगभग  रोजाना सुबह सवेरे दो पहिया और चार पहिया वाहनों के माध्यम से शराब दुकान से शराब भर कर खेप दूरस्थ गांव तक में पहुचाई जाकर अवैध रूप से शराब बिकवाई जाती हैं। ग्रामीण क्षेत्र के ढाबों पर भी खुले आम बीयर बार से भी ज्यादा भीड़ जुटा कर शराब परोसी जाते हुए देखा जा सकता हैं। यही नहीं जिले की प्रसिद्ध तीर्थ नगरी ओंकारेश्वर में भी नए बस स्टैंड सहित कई स्थानों पर देशी - विदेशी मदिरा के साथ ही फ्रिज की ठंडी बीयर आदि भी बेची जाती हैं। कई सुरा शौकीन तो केवल मयकसी के लिए ओंकारेश्वर तक जाते है, जहां ओंकारेश्वर और उससे पहले रास्ते में पड़ने वाले कई होटलों पर कही खुल कर तो कहीं चोरी छिपे शराब परोसी जाती है।

अधिकारी का मोबाइल हमेशा वाइस मैसेज मोड़ पर

जिले में चल रहे अवैध शराब के खेल पर बात करने के लिए खंडवा के जिला जिला आबकारी अधिकारी विकास मंडलोई के मोबाइल पर पिछले कुछ दिनों में कई मर्तबा कॉल किया गया परंतु हर बार पूरी घंटी जाने के बाद कॉलर के व्यस्त होने के कारण बिप के बाद ध्वनि संदेश छोड़ने का कंप्यूटराइस्ड संदेश ही सुनाई देता है। वहीं सहायक आबकारी अधिकारी संतोष कुशवाह से बात करने पर उन्होंने प्रशासनिक अकादमी में 5 दिवसीय प्रशिक्षण पर होने की बात कही । ऐसे में जिले के आबकारी विभाग के दायित्वीय कार्य पर कार्रवाई होती नही दिखाई दे रही है। देखना होगा जिला प्रशासन कब तक इस अवैध शराब के विक्रय रूपी अपराधों के मूल पर कार्रवाई करवा पाएगा।