Flying car:- भारत में लांच होने वाली है उड़ने वाली कार , भारतीय कंपनी Vinata Aeromobility ने बनाई है। भगवान विष्णु के वाहन गरुड़ देव की माता के नाम विनता पर है कंपनी का नाम
चेन्नई की विनता एरोमोबिलीटी ने दुनिया के सबसे बड़े हेलिटेक एक्सपो – एक्सेल, लंदन में एशिया की पहली हाइब्रिड फ्लाइंग कार प्रोटोटाइप प्रस्तुत किया है

Flying car:-
आपने भी सोशल मीडिया पर कई बार चाइना और अन्य देशों के उड़ती हुई कारों के वीडियो देखे होंगे. जिन्हें देख कर हर व्यक्ति अपने जीवन के कभी ना कभी हवा में उड़ने का देखा गया सपना भी स्मृतियों में उभर ही आया होगा. भारत के अव्यवस्थित ट्रैफिक को जब भी बड़े शहरों में रेंगते हुवे देखते है तो हमारी भी इच्छाएं होने लगी कि उड़ने वाली कोई कार हमारे यहां भी बन जाये। ये एक ऐसा लक्ष्य है जिसमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बहुत ज्यादा शोध होना बाकीहै। शायद इसीलिए दुनिया के तमाम तकनीकी क्षेत्र के दिग्गज इस दौड़ का हिस्सा बन रहे हैं। इन सबके बीच एक बहुत बढ़िया और बड़ी खबर भारत के लिए है। भारत की एक कम्पनी विनता (Vinata) ने एशिया की सबसे पहली ऐसी तकनीक विकसित कर ली है. और 2025 तक उड़ने वाली कार का सपना पूरा हो सकता है.
चेन्नई की विनता एरोमोबिलीटी ने दुनिया के सबसे बड़े हेलिटेक एक्सपो – एक्सेल, लंदन में एशिया की पहली हाइब्रिड फ्लाइंग कार प्रोटोटाइप प्रस्तुत किया है। विनता की हाइब्रिड फ्लाइंग कार एक वर्टिकल टेक-ऑफ और लैंडिंग मशीन है और इसका रोटर कॉन्फ़िगरेशन को-एक्सियल क्वाड-रोटर है। वहीं इसके वजन और भार उठाने की क्षमता की बात करे तो इसका वजन लगभग 1100 किलोग्राम है और यह अधिकतम 1300 किलोग्राम तक का वजन उठा सकती है। उड़ने वाली कार की मुख्य खासियत यह है कि इसे भारत में बनाया जाएगा और इसके उपयोग को अधिक कुशल बनाने के लिए इलेक्ट्रिक के साथ जैव (bio) ईंधन का उपयोग किया जाएगा। यह फ्लाइंग कार 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से लगभग 60 मिनट तक उड़ सकती है. हालाकि इसकी क्षमता को आगे और बढ़ाने की बात भी की जा रही है। यह जमीनी स्तर से अ 3,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ सकती है।
विनता और उड़ने का सपना
दुनिया भर में विभिन्न कंपनियां उड़ने वाली कारों को हकीकत में बदलने के सपने का पीछा कर रही हैं। भारत इस दौड़ में पीछे नहीं है। विनता कम्पनी इसी लक्ष्य को हासिल करने के लिए पूरी ताकत से लगी हुई है। कंपनी ने अपने यूट्यूब चैनल पर फ्लाइंग कार के डिजिटल प्रोटोटाइप का एक वीडियो भी जारी किया है, जिसमें केबिन और बैठने की व्यवस्था की झलक दी गई है। उड़ने वाली कार एक समय में दो लोगों को सफर करा सकती है और इसमें पंख जैसे दरवाजे सीधे खुलते हैं। इस उड़ने वाले कार में एक विशाल डिजिटल टचस्क्रीन सिस्टम है, जिसका उपयोग अन्य चीजों के अलावा नेविगेशन के लिए किया जा सकता है।
उड्डयन मंत्री सिंधिया को दिखाया फ्लाइंग कार का प्रोटोटाइप
विनता एरोमोबिलिटी ने कुछ समय पहले देश के नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपनी फ्लाइंग कार का प्रोटोटाइप दिखाया था, सिंधिया ने कम्पनी के प्रयासों की प्रशंसा की थी। उड़ने वाली कार के आगामी वर्ष 2023 तक पूर्ण रूप से बनने की उम्मीद है। साथ कहा जा रहा है की वर्ष 2025 तक उड़ने वाली कार का इस्तेमाल लोगों एवम् कार्गो के परिवहन के लिए किया जा सकेगा साथ ही यह फ्लाइंग कार आपातकालीन चिकित्सकीय सेवाओं में भी बहुपयोगी साबित हो सकेगी।
2023 तक परीक्षण, 2025 तक उड़ानों के लिए उपलब्ध हो सकेगी
विनता एरोमोबिलिटी के सीईओ योगेश रामनाथन के अनुसार, कंपनी 2023 तक अपनी हाइब्रिड इलेक्ट्रिक फ्लाइंग कार का उड़ान परीक्षण करने और इसे 2025 तक व्यवसायिक उड़ानों के लिए उपलब्ध कराने की उम्मीद कर रही है। वर्तमान में, उनके पास प्रूफ-ऑफ-कॉन्सेप्ट है। उनकी तकनीक के लिए और एक छोटा मॉडल तैयार है। उनके डिजाइन में 1 टन वजनी, दो सीटों वाला वाहन दिखाया गया है जो क्वाडकॉप्टर जैसा दिखता है। कंपनी का कहना है कि उनके वाहन को जैव-ईंधन और बैटरी दोनों द्वारा संचालित होने पर, 60 मिनट की उड़ान 120 किमी प्रति घंटे की शीर्ष गति पर उड़ाया जा सकेगा।
भारतीय संस्कृति से जुड़ी हुई है विनता नाम की कहानी
विनता नाम सनातन धर्म के लिए महत्वपूर्ण है। हिंदू पुराणों के अनुसार, विनता पक्षियों की मां हैं। वह प्रजापति दक्ष की तेरह पुत्रियों में से एक हैं। कश्यप से उनका विवाह हुआ था तथा उन्होंने दो पुत्रों अरुणा और गरुड़ को जन्म दिया था। यह वहीं गरुण हैं जो भगवान विष्णु के वाहन हैं। इंडोनेशिया की राष्ट्रीय एयरलाइंस का नाम भी गरुड़ है। ये विकास भारत की वैज्ञानिक कुशलता को दर्शाता है। सरकार ने भी ऐसे कौशलों को मंच देने के लिए PLI स्कीम के तहत प्रोत्साहन राशि भी जारी की है। उम्मीद है जल्द ही यह उड़ने वाली कार हमारे देश के आसमान में कुलांचे मारती नजर आएगी।