नीलामी प्रक्रिया में हंगामे के बाद बोरगांव मवेशी बाजार 1.40 करोड़ में नीलाम
बोरगांव मवेशी बाजार की नीलामी में डेढ़ घंटे तक हंगामे और तीखी बहस के बाद सनावद निवासी प्रभात उपाध्याय ने 1.40 करोड़ रुपये की उच्चतम बोली लगाकर बाजार का ठेका लिया। शासकीय बोली 97 लाख रुपये को लेकर बोलीकारों ने आपत्ति जताई थी, लेकिन प्रशासन ने पंचायत राज अधिनियम के तहत नियमों को सख्ती से लागू किया। नीलामी के दौरान प्रशासन ने निर्देश दिए कि बोलीकार को 25% राशि तुरंत जमा करनी होगी, अन्यथा जमा राशि जब्त कर ली जाएगी। बीते वर्ष नीलामी में हुई गड़बड़ियों के बाद इस बार प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने पर जोर दिया गया। पढ़े पूरी खबर..

डेढ़ घंटे तक चला हंगामा, अधिकारियों और बोलीकारों में तीखी बहस
खंडवा। जिले के सबसे बड़े और चर्चित बोरगांव मवेशी बाजार की नीलामी प्रक्रिया शुक्रवार को संपन्न हुई। इस दौरान बाजार ठेका लेने आए बोलीकारों और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच डेढ़ घंटे तक तीखी बहस और हंगामा चला। बोलीकारों ने शासकीय बोली 97 लाख रुपये को लेकर कड़ा विरोध जताया। इसके बाद प्रशासन द्वारा नियमानुसार प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया, और अंततः सनावद निवासी प्रभात उपाध्याय ने 1.40 करोड़ रुपये की अधिकतम बोली लगाकर बाजार का ठेका अपने नाम किया।
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नीलामी प्रक्रिया में क्या हुआ?
बाजार नीलामी के दौरान कई बोलीकारों ने प्रशासन पर अवैध शर्तें लागू करने का आरोप लगाया। बोलीकारों का कहना था कि प्रशासन इस नीलामी को रोकना चाहता है और इसलिए अनुचित नियम लागू कर रहा है। वहीं, डिप्टी कलेक्टर दीक्षा भगोरे और जनपद पंचायत पंधाना सीईओ सुरेशचंद्र टेमने ने स्पष्ट किया कि पंचायत राज अधिनियम के तहत ही नीलामी प्रक्रिया की जाएगी।
बोलीकारों का यह भी कहना था कि बीते एक वर्ष से बाजार का संचालन ग्राम पंचायत द्वारा किया गया, और इस दौरान जो वसूली हुई, उसी के आधार पर शासकीय बोली तय की जानी चाहिए। हालांकि, प्रशासन ने नियमों में कोई बदलाव नहीं किया और निर्धारित प्रक्रिया के तहत ही नीलामी पूरी कराई।
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97 लाख की शासकीय बोली पर आपत्ति, फिर 1.40 करोड़ में बाजार ठेका लिया
शासकीय बोली 97 लाख रुपये को लेकर सबसे अधिक आपत्ति प्रभात उपाध्याय ने जताई थी। उन्होंने नीलामी प्रक्रिया को निरस्त करने के लिए अन्य बोलीकारों को भी समझाने का प्रयास किया। लेकिन जब एक अन्य बोलीकार ने बोली लगाने की इच्छा जताई, तो धीरे-धीरे अन्य बोलीकार भी तैयार हो गए।
आखिरकार, सभी छह बोलीकार नीलामी प्रक्रिया में भाग लेने के लिए सहमत हुए, और जिन उपाध्याय ने 97 लाख की शासकीय बोली पर आपत्ति जताई थी, उन्होंने ही सबसे अधिक 1.40 करोड़ रुपये की बोली लगाकर बाजार का ठेका अपने नाम कर लिया।
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नीलामी के दौरान प्रशासन ने दिए सख्त निर्देश
बोली प्रक्रिया के दौरान, सीईओ सुरेशचंद्र टेमने ने स्पष्ट किया कि जो भी बोलीकार उच्चतम बोली लगाएगा, उसे नीलामी के नियमों का पूर्ण रूप से पालन करना होगा।
1. 25% राशि तुरंत जमा करनी होगी।
2. पूरी राशि नियमानुसार निर्धारित समय में जमा करना अनिवार्य होगा।
3. अगर बोलीकार समय पर राशि जमा नहीं करता, तो उसकी जमा राशि जब्त कर ली जाएगी।
प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि अब तक किसी भी ठेकेदार ने ग्राम पंचायत के खाते में पूरी राशि जमा नहीं की थी, इसलिए इस बार सख्ती से नियमों का पालन कराया जाएगा।
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बाजार नीलामी से जुड़ी पुरानी गड़बड़ियों पर उठे सवाल
बता दें कि बीते वर्ष भी बोरगांव मवेशी बाजार नीलामी में गड़बड़ियों की शिकायतें हुई थीं, जो उच्च न्यायालय तक पहुंची थीं। इसी कारण पूरे वर्ष बाजार का संचालन ग्राम पंचायत ने किया था।
इस बार प्रशासन ने पारदर्शिता बनाए रखने के लिए कड़े नियम लागू किए हैं, ताकि भविष्य में कोई विवाद न हो।
बोरगांव मवेशी बाजार की नीलामी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, और 1.40 करोड़ रुपये में बाजार का ठेका दिया गया है। हालांकि, नीलामी के दौरान हुई बहस और हंगामे ने यह सवाल जरूर खड़े कर दिए हैं कि क्या प्रशासन और बोलीकारों के बीच पारदर्शिता को लेकर कोई मतभेद था? अब देखना यह होगा कि क्या इस बार बाजार संचालन में कोई नई समस्या उत्पन्न होती है या यह प्रक्रिया सुचारू रूप से चलेगी।
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