विश्व पर्यावरण दिवस 2022: आइए जानते है कैसे हुई शुरुआत

Environment day धूल भी पर्यावरण को दूषित करने का काम करती है, पॉलिथीन पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही है, पर्यावरण की सुरक्षा में पेड़ों का महत्वपूर्ण योगदान है,

विश्व पर्यावरण दिवस 2022: आइए जानते है कैसे हुई शुरुआत

मनुष्य और प्रकृति एक दूसरे के पूरक है। दोनों का साथ और सहयोग ही पृथ्वी को हरा-भरा और खूबसूरत बना सकता है। लेकिन हम सभी इस पूरकता को भूलते जा रहे हैं। बात अगर पर्यावरण की करें तो पर्यावरण हमारे चारों और फैले वातावरण को कहते हैं। इंसान के जीने के लिए जिस हवा, पानी, खाद्य की जरूरत होती है, वह पर्यावरण की ही देन है। इसके बिना धरती पर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। आइए जानते है कैसे हुई थी पर्यावरण दिवस की शुरुआत...

World Environment Day 2022: हर साल दुनियाभर में आज यानी 5 जून को पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। पर्यावरण दिवस के जरिए लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरुक कराने की कोशिश की जाती है। इंसान के जीने के लिए सभी जरूरी चीजें हमें पर्यावरण से ही मिलती हैं। इसलिए जरूरी होता है कि हम पर्यावरण की रक्षा करें और धरती पर संतुलन बनाए रखें। आज के इस औद्योगिक सभ्यता वाले युग में पर्यावरण बुरी तरह से दूषित हो रहा है। पर्यावरण में प्रदूषण के बढ़ते लेवल की वजह से कभी बारिश तो कभी सूखे की स्थिति रहती है। ऐसे में जरूरी है कि लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरुक किया जाए।

पर्यावरण दिवस की शुरुआत आख़िर कैसे हुई?...

1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने पर्यावरण प्रदूषण की समस्या को देखते हुए स्टाकहोम (स्वीडन) में विश्व भर के देशों का पहला पर्यावरण सम्मेलन आयोजित किया था, इसमें 119 देशों ने भाग लिया। इसी सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) का जन्म हुआ तथा हर साल 5 जून को पर्यावरण दिवस आयोजित करके नागरिकों को प्रदूषण की समस्या से अवगत कराने का निश्चय किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाते हुए राजनीतिक चेतना जागृत करना और आम जनता को प्रेरित करना था।

इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस की थीम क्या है?. ..

विश्व पर्यावरण दिवस को हर साल नए थीम के साथ मनाया जाता है। इस बार विश्व पर्यावरण दिवस 2022 की थीम है, 'ओन्ली वन अर्थ' मतलब 'केवल एक पृथ्वी' है।

सैंड आर्ट के जरिए जागरुकता फैलाने की कोशिश...

सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पुरी समुद्र तट पर लोगों को जागरुक करने के लिए एक सैंड आर्ट बनाई। इस सैंड आर्ट के जरिए सुदर्शन पटनायक ने ये संदेश देने की कोशिश की है कि हमारे पास एक ही धरती है। हमें न केवल अपने लिए बल्कि अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए भी उसकी देखभाल करने की आवश्यकता है।

कूड़ा और पराली को जलाने से करें मना...

कूड़ा और पराली से उठने वाला धुआं पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है। किसानों की जिम्मेदारी है कि वह पराली न जलाएं। शहर में पालिकाकर्मी ही कूड़े के ढेरों में आग लगा देते हैं। कूड़े के ढेरों से उठने वाला धुआं पर्यावरण को दूषित करता है। पालिका के सफाईकर्मियों और आमजन की जिम्मेदारी है कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए वह कूड़ा न जलाएं। 

पेड़ लगाए और उनकी देखभाल करें...

पर्यावरण की सुरक्षा में पेड़ों का महत्वपूर्ण योगदान है। हर वर्ष लाखों पौधे लगाए जाते हैं। इनमें से देखरेख के अभाव में बड़ी संख्या में वे पेड़ नहीं बन पाते हैं। हमारी जिम्मेदारी पौध रोपण के साथ ही उसकी देखभाल की भी है। पेड़ों का कटान रोकने की जिम्मेदारी भी हम सभी की है। अगर कहीं कटान हो रहा है तो इसकी सूचना वन विभाग, थाना पुलिस और उच्च अधिकारियों को दें। 

पॉलीथिन का प्रयोग करे बन्द...

पॉलिथीन पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही है। इसीलिए सरकार ने इसे प्रतिबंधित कर दिया है। बावजूद इसके इसका इस्तेमाल बाजार में हो रहा है। हम सभी प्रतिबंधित पॉलिथीन हररोज घर ला रहे हैं। पर्यावरण की सुरक्षा के लिए हम सभी को प्रतिबंधित पॉलिथीन का त्याग करना होगा। आमजन के सहयोग के बिना सरकार द्वारा पर्यावरण की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम कारगर नहीं हो सकते हैं।

धूल कर रही पर्यावरण दूषित...

धूल भी पर्यावरण को दूषित करने का काम करती है। धूल के कण हवा में शामिल होकर मनुष्य की आंख और फेंफड़ों सहित शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं। इसलिए हमें इस दिशा में सतर्क रहना चाहिए। इस दिशा में अफसरों की जिम्मेदारी भी कम नहीं है। क्यों कि सड़क सहित अन्य निर्माण कार्यों के दौरान पानी आदि का छिड़काव न किए जाने से धूल उड़ती है, जिससे वायु प्रदूषित होती है