पहली बार आयोजित 48 दिवसीय भक्तांबर शिविर का धार्मिक भक्ति के साथ हुआ समापन
खण्डवा नगर में पहली बार चातुर्मास के दौरान सराफा जैन धर्मशाला में मुनि श्री विनत सागर एवं विश्वमित सागर महाराज के सानिध्य में 48 दिवसीय भक्तांबर शिविर का भव्य भक्ति पूर्ण आयोजन हुआ
जो खुशियों को पहचानता है, जीवन जीने की कला जानता है, वही जीवन में सुकून पा सकता है - "मुनि श्री विनत सागर"
खंडवा ।। जैन धर्म में शास्त्रों के अनुसार णमोकार मंत्र एवं भक्तांबर स्त्रोत को काफी शक्तिशाली एवं प्रभावशाली माना गया है, जिसके पाठ का वाचन करने से हमारे दुख दर्द दूर होकर शांति की प्राप्ति होती है, पुण्य की प्राप्ति होती है, नगर मैं पहली बार चातुर्मास के दौरान सराफा जैन धर्मशाला में मुनि श्री विनत सागर एवं विश्वमित सागर महाराज के सानिध्य में 48 दिवसीय भक्तांबर शिविर का भव्य भक्ति पूर्ण आयोजन हुआ, समाज के सचिव सुनील जैन ने बताया कि रविवार को शिविर का समापन भक्तांबर मंडल विधान के पूजन एवं विश्व मे शांति एवं सभी के कल्याण के लिए विश्व शांति महायज्ञ के साथ संपन्न हुआ।
सफल वही हुआ जिसने खुशियों की इबादत करना सीखा
बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने इस महान अनुष्ठान में भाग लिया, और हवन में आहुतिया पेश की, अनुष्ठान के समापन पर मुनि श्री विनत सागर जी महाराज ने प्रवचन देते हुए कहा कि खुशियों की इबादत जिन्होने करना सीख लिया, दुनिया मे सफल वही हो गया , जो खुशियों की परिभाषा जानता है ,खुशियों को पहचानता है, जीवन जीने की कला जानता है वही जीवन में सुकून पा सकता है, मुनि श्री ने कहा कि विषयभोग,राग द्वेष में लिप्त प्राणी कभी संतुष्ट अथवा सुखी नही रह सकता, जीवन एक पानी के बुलबुले के समान है जिसका अंत न जाने कब हो जाये, इसलिये पर्याय की विशुद्धि के लिये समय का इंतजार दुख का कारण हो सकता है, जब भी संतों के सानिध्य में इस प्रकार के अनुष्ठान हो तो सभी ने उपस्थित होकर पुण्य लाभ प्राप्त करना चाहिए, ताकि हमारा जीवन सफल हो सके, मुनि सेवा समिति के प्रचार मंत्री सुनील जैन एवं प्रेमांशु जैन ने बताया कि 48 दिवसीय भक्तामर शिविर के निष्ठापन के प्रयोजन से आयोजित भक्तामर विधान मे पूज्य गुरुदेव विनतसागर जी महाराज ने अपना उपवास रख भक्तांबर स्रोत की महिमा को उद्गारित किया।
अभिषेक, शांतिधारा के साथ निकाली गई पालकी यात्रा
इससे पूर्व प्रात: पूज्य मुनिसंघ के सानिध्य में भक्तगण श्री जी की प्रतिमा के साथ भव्य संगीतमय पालकी यात्रा बजरंग चौक स्थित महावीर जैन मंदिर से सराफा जैन धर्मशाला पहुंचे,जहां श्रीजी के भक्तिभाव से अभिषेक एवं शांति धारा की गई, रविवार को आयोजित कार्यक्रम के सौधर्म इंद्र पवन, संगीता, सुदीप अर्पिता रावका एवं तरुण कुमार अनिल कुमार लुहाड़िया ने श्रीजी की शांतिधारा का सौभाग्य अर्जित किया, एवं मुनी संघ का पाद पक्षालन किया, अभिषेक पश्चात संगीतमय भक्तामर विधान आयोजित हुआ, भक्तामर विधान मंडल पर मुख्य कलश स्थापना श्रीमती पिंकी प्रशांत जैन एवं श्रीमती मनुराजे ख्यालीलालजी सेठी ने की, विधान मे उपस्थित समस्त पुण्यार्जकों ने संगीतमय विधान में तल्लीनता एवं पूर्ण अनुशासन से भाग लिया, समस्त पुरूष सफेद धोती दुपट्टा एवं महिलायें पीली साडी में कार्यक्रम मे उपस्थित रहे,विधान पश्चात् पूज्य गुरुदेव के निर्देशन मे जाप्य अनुष्ठान एवं हवन संपन्न हुआ, अंत मे अनुष्ठान आयोजन के सौ धर्म इंद्र सुदीप पवन राव का परिवार के सौजन्य से प्रभावना एवं मुनि सेवा समिती द्वारा वात्सल्य प्रभावना भोज का आयोजन हुआ, कार्यक्रम में जैन समाज के समस्त ट्रस्टीगण, कलश पुण्यार्जक परिवार, मुनि सेवा समिति कार्यकारिणी एवं सकल जैन समाज बंधु उपस्थित रहे।