क्या है उदयपुर हत्याकांड का 26/11 कनेक्शन? कन्हैयालाल के हत्यारे ने 5000 खर्च कर 9 साल पहले क्यों लिया था बाईक का नंबर 2611
वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों वहां से एक बाइक से फरार हो जाते है जिसे जांच एजेंसियों ने जब्त कर लिया है। ये बाइक रियाज के नाम पर रजिस्टर्ड है। इस बाइक का नंबर ही रियाज के मंसूबे की पोल खोल रहा है क्योंकि इस बाइक का नंबर है 2611 है।

राजस्थान के उदयपुर में हुवे सनसनीखेज कन्हैयालाल दर्जी हत्याकांड में शामिल हत्यारों से पुलिस ने उनकी हत्या में प्रयुक्त बाइक को जब्त कर लिया है, लेकिन जांच एजेंसियां बाइक नंबर के पीछे की कहानी और फैक्ट्स जुटाने में लगी है। फिलहाल कोर्ट ने दोनों आरोपियों को अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में भेज दिया है।
उदयपुर में हुई टेलर कन्हैयालाल साहू की निर्मम हत्या से जुड़े मामले में नया खुलासा हुआ है। आतंकी साजिश के तहत हुआ कन्हैयालाल का मर्डर एक सोची समझी साजिश थी और अब इस पूरे मामले में आरोपियों की जिहादी सोच का भी खुलासा हुआ है। हत्या के आरोपी रियाज की नफरत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसकी बाइक का नंबर 2611 था। यह नंबर मुंबई आतंकी हमले की तारीख से जुड़ा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बाईक का नंबर 2611 लेने के लिए रियाज ने RTO में 5000 रुपये की रकम ज्यादा दी थी। इसी बाइक पर वह दूसरे आरोपी गौस मोहम्मद के साथ कन्हैयालाल टेलर का मर्डर करने पहुंचा था। ऐसे में बाइक का नंबर इशारा कर रहा है कि वह मुंबई में हुवे आतंकी हमले से ना केवल प्रभावित थे। बल्कि उसी समय से इनके आतंकी इरादे थे।
रियाज के मंसूबे दिखाता बाईक नंबर 2611
कन्हैयालाल की निर्मम हत्या का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। वीडियो 28 जून शाम करीब साढ़े 6 बजे का है जब रियाज और गौस ने दुकान में घुसकर कन्हैयालाल की बेरहमी से हत्या कर दी थी। इस वीडियो में दिख रहा है कि रियाज और गौस कन्हैयालाल के कत्ल के इरादे से उसकी दकान में दाखिल हो रहे हैं। ये मर्डर से दो मिनट पहले का वीडियो है। पीली टी-शर्ट में जो लड़का दिख रहा है वो नाजिम है। वही नाजिम जिसपर कन्हैयालाल के खिलाफ साजिश करने का आरोप है जबकि काली शर्ट में नज़र आ रहे लड़के का नाम वसीम है। वीडियो में नाजिम इशारा करता है और उसके बाद रियाज और गौस कन्हैयालाल का मर्डर कर देते हैं।
वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों वहां से एक बाइक से फरार हो जाते है जिसे जांच एजेंसियों ने जब्त कर लिया है। ये बाइक रियाज के नाम पर रजिस्टर्ड है। इस बाइक का नंबर ही रियाज के मंसूबे की पोल खोल रहा है क्योंकि इस बाइक का नंबर है 2611 है।
ISIS को आदर्श मानते थे रियाज और गौस
ये दोनों आरोपी ISIS को अपना आदर्श मानते थे। दोनों अक्सर ISIS और तालिबान के वीडियो देखा करते थे। ये हिन्दुओं को काफ़िर समझते है और उनके अंदर दहशत फैलाने के मकसद से ही इन्होंने जब नूपुर शर्मा के बयान के बाद देश के कई हिस्सों में पथराव हुआ था तो इनको लगा ये सबसे अच्छा मौका है अपने मजहब का हीरो बनने का। कन्हैयालाल के द्वारा नूपुर शर्मा की पोस्ट पर प्रतिक्रिया के बाद इन्होंने कन्हैया को सबसे आसान टारगेट समझा था। हालांकि इनके निशाने पर कई बड़े लोग भी थे लेकिन वो इनकी पहुंच से काफी दूर थे। इसीलिए इन्होंने अपने करीबी टारगेट को निशाना बनाया और उदयपुर पुलिस की लचर कार्यप्रणाली के कारण यह अपने इरादे में कामयाब भी हो गए।
दोनों को घृणित कृत्य पर पछतावा तक नही है
पुलिस सूत्रों के अनुसार पुलिस की हिरासत में जब दोनों हत्यारों से पूछताछ की गई तो इनको अपने किए जधन्य अपराध पर कोई पछतावा नहीं है। दोनों अब भी पुलिस के सामने अपने मजहब को लेकर अपने उद्देश्य को पूरा करने का दावा कर रहे है। इनका कहना है भले ही वो अपने धर्म के लिए कुर्बान हो जाएंगे लेकिन उसके बाद भी उनके ग्रुप के कई लोग है जो अब भी भारत को इस्लामिक देश बनाने में लगे हुए है। और आने वाले दिनों में नबी की शान में गुस्ताखी करने वालो का अंजाम कन्हैयालाल दर्जी से भी बुरा होगा।
स्लीपर सेल जैसे एक्टिव थे दोनो आरोपी
पुलिस के सूत्रों के अनुसार आरोपी रियाज 2014 में ट्रेन के जरिए 45 दिनों के लिए पाकिस्तान गया था जहां वो ज्यादातर उन लोगों के संपर्क में था जो अलग अलग आतंकी गुट से किसी ना किसी तरह से जुड़े हुए थे। बताया जा रहा है की उसने वहां ट्रेनिंग भी ली थी। पाकिस्तान के आकाओं के आदेश पर पिछले कई सालों से ये दोनों राजस्थान में रहते हुए स्लीपर सेल की तरह काम कर रहे थे। पिछले काफी समय से ये अपने पाकिस्तानी आकाओं से अलग अलग एप के जरिए संपर्क करते थे। इनका इरादा कन्हैयालाल की हत्या करने के बाद अजमेर जाकर वहां दरगाह में जाकर खुदा के सामने उसकी शान में गुस्ताखी करने वालो को सजा देकर आने का दावा करने का था। परंतु उनके वहां पहुंचने से पहले ही पुलिस के हाथ उनके गले तक पहुंच गए।