अपनी ही सरकार में उतरना पड़ा विधायक को मैदान में: अधिकारियों के पक्षपात पर भड़कीं बीजेपी विधायक छाया मोरे
सरपंच संघ के साथ पहुंची विधायक मोरे ने मांग की कि विकास कार्यों में समानता बरती जाए और जल्द से जल्द लंबित कार्यों की स्वीकृति दी जाए

मध्यप्रदेश के खंडवा जिले कि पंधाना विधानसभा क्षेत्र से
बीजेपी की विधायक छाया गोविन्द मोरे विकास कार्यों में हो रहे कथित पक्षपात के खिलाफ मुखर हो गई हैं। उन्होंने सरपंच संघ के साथ जिला पंचायत सीईओ नागार्जुन बी. गौडा को ज्ञापन सौंपते हुए छैगांवमाखन और पंधाना जनपदों के साथ हो रहे भेदभाव को लेकर नाराजगी जताई।
विकास कार्यों में पक्षपात का आरोप
विधायक मोरे ने ज्ञापन में बताया कि मनरेगा के तहत पंधाना विधानसभा में मजदूरी और सामग्री का 78:22 का अनुपात तय है। इसके बावजूद कच्ची नालियां, पुलिया, और अन्य पक्के कार्यों को मंजूरी नहीं दी जा रही है। उन्होंने कहा कि खालवा, पुनासा, और खंडवा जनपदों में पक्के कार्यों की स्वीकृति दी गई, लेकिन पंधाना और छैगांवमाखन को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है।
विधायक ने की समानता की मांग
सरपंच संघ के साथ पहुंचे विधायक मोरे ने मांग की कि विकास कार्यों में समानता बरती जाए और जल्द से जल्द लंबित कार्यों की स्वीकृति दी जाए।
सीईओ ने दिया आश्वासन
जिला पंचायत सीईओ ने ज्ञापन प्राप्त करते हुए कहा कि मामले की जांच कर निष्पक्ष कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि विकास कार्यों में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं होने दिया जाएगा।
पार्टी और प्रशासन पर सवाल
अपनी ही सरकार में विधायक को इस तरह संघर्ष करना पड़ा, यह बीजेपी और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है। जनता के विकास के लिए चुनी हुई प्रतिनिधि को अधिकारियों के खिलाफ आवाज उठानी पड़ी, जो चिंताजनक है।