खंडवा गैंगरेप कांड: दरिंदगी की हदें पार… कांग्रेस जांच कमेटी पहुंची गांव, उठाई फांसी की मांग
खंडवा में 45 वर्षीय महिला के साथ गैंगरेप और हत्या के मामले ने प्रदेश को झकझोर दिया है। कांग्रेस की जांच कमेटी ने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर दोषियों को फांसी और 25 लाख की सहायता की मांग की है। क्षेत्रीय मंत्री के दबाव में कार्रवाई में देरी का लगाया आरोप। प्रशासन ने कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। पढ़े पूरी खबर...

खंडवा | खबर भारत डेस्क
मध्यप्रदेश के खंडवा जिले से आई यह खबर ना केवल इंसानियत को झकझोरने वाली है, बल्कि प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है। खालवा तहसील में 45 वर्षीय महिला के साथ गैंगरेप और फिर बर्बर तरीके से हत्या की गई। इस जघन्य अपराध ने प्रदेश को झकझोर दिया है और इसे ‘मध्यप्रदेश की निर्भया’ कहा जाने लगा है।
---
सन्नाटा, चीख़ और अब इंसाफ की लड़ाई
पीड़िता का परिवार अब इंसाफ की आस में बैठा है। शनिवार को खंडवा पहुंची कांग्रेस की तीन सदस्यीय जांच कमेटी ने इस लड़ाई को राजनीतिक नहीं, सामाजिक आंदोलन का रूप दे दिया है।
दल में शामिल थे –
विधायक झूमा सोलंकी
पूर्व मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ
पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष महिला कांग्रेस शोभा ओझा
---
परिवार से मुलाकात, संवेदना नहीं – एक वादा
जांच दल ने पीड़िता के घर पहुंचकर परिजनों से मुलाकात की। घर की फिज़ा में मातम और सवाल दोनों तैर रहे थे। बेटे की आंखों में आंसू और जुबां पर सिर्फ एक मांग – "माँ को इंसाफ चाहिए, फांसी चाहिए आरोपियों को।"
---
कांग्रेस नेताओं का तीखा वार –
झूमा सोलंकी, विधायक ने कहा –
“ये सिर्फ एक महिला की नहीं, पूरे समाज की लड़ाई है। दोषियों को फांसी मिले। क्षेत्रीय मंत्री विजय शाह की बयानबाज़ी महिलाओं के प्रति उनकी मानसिकता दिखाती है। ऐसे में महिलाएं कैसे सुरक्षित हों?”
विजयलक्ष्मी साधौ, पूर्व मंत्री ने चेताया –
“यह मामला 'रेयरेस्ट ऑफ द रेयर' है। मध्यप्रदेश महिला अत्याचार में देशभर में अव्वल है। हर साल निर्भया फंड लैप्स होता है – यह सरकार की नाकामी का प्रमाण है।”
शोभा ओझा, महिला कांग्रेस बोलीं –
“अब किसी उम्र की सीमा नहीं रही – दरिंदों के निशाने पर बच्चियां भी हैं और अधेड़ महिलाएं भी। ये जंगलराज है। मध्यप्रदेश महिलाओं के लिए असुरक्षित प्रदेश बन गया है।”
---
प्रशासन को ज्ञापन, फास्ट ट्रैक और मुआवजे की मांग
जांच दल ने कलेक्टर ऋषव गुप्ता और एसपी मनोज राय से मिलकर ज्ञापन सौंपा और मांगे रखीं:
पीड़ित परिवार को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता
एक सदस्य को सरकारी नौकरी
मामले की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई
दोषियों को फांसी की सज़ा
---
प्रशासन का पक्ष: कार्रवाई जारी
एसपी मनोज राय ने कहा –
“मामला प्राथमिकता में है। विशेष जांच दल गठित कर दिया गया है। जल्द ही चार्जशीट दाखिल कर सख्त सजा दिलाई जाएगी।”
कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने बताया –
“प्रारंभिक सहायता के तहत 50,000 रुपये और अंत्येष्टि सहायता 5,000 रुपये परिवार को दी गई है। विशेष सहायता के लिए ज्यूडिशरी से समन्वय किया जा रहा है।”
---
स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भूमिका पर सवाल
कुछ स्थानीय नेताओं ने पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता देने की बात कही, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या सिर्फ कुछ हज़ार रुपये इस घाव का इलाज हैं?
---
संपादकीय टिप्पणी: ये खामोशी नहीं चलेगी...
खंडवा की यह घटना हमें याद दिलाती है कि बेटियां अब सिर्फ घर में नहीं, समाज में भी असुरक्षित हैं। सवाल ये नहीं कि दोषियों को सज़ा कब मिलेगी –
सवाल ये है कि क्या अब भी सरकार जागेगी या ये मामला भी फाइलों में दफ़न हो जाएगा?