खंडवा किसान आंदोलन: आधी रात तक चली मान-मनौव्वल, आज भोपाल में बड़ी मुलाक़ात
खंडवा किसानों की आवाज दिल्ली तक पहुँची। आज भोपाल में किसान प्रतिनिधि मंडल की मुलाकात तय। आधी रात तक चली मान-मनौव्वल। पूरी खबर पढ़ें।khabarbharatnews.live..
ब्रेकिंग न्यूज़ – खंडवा किसानों का प्रतिनिधि मंडल भोपाल तलब
दिल्ली दरबार से किसानो की राजधानी भोपाल मे मुलाक़ात हुईं तय
विवाद बढ़ा – किसान बोले: “हमारे नेता त्रिलोक पटेल लेवा के बिना नहीं जाएंगे”
खंडवा। खंडवा मे किसानो द्वारा 15 नवंबर को किये गये रेल रोको आंदोलन मे खंडवा सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल द्वारा पहुंच कर किसान प्रतिनिधियों को 2-3 दिन मे मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय क़ृषि मंत्री से मिलवाने के वादे पर रेल रोको आंदोलन स्थगित करने के आठ दिन बाद भी मुलाक़ात एवं समाधान नहीं मिलने से से आक्रोषित किसानो ने पहले टिगरिया एवं दूसरे दिन सुरगाव जोशी गांव मे सांसद के पुतले की शव यात्रा निकाल कर अंतयेष्टि कर विरोध दर्ज कराते हुए कठोर सन्देश दिया था। जिसके बाद आनन फ़ानन मे भाजपा नेतृव सक्रिय हुआ एवं सांसद की दिल्ली एवं जिला अध्यक्ष की भोपाल की यात्रा हुईं। जिसके बाद राजधानी भोपाल मे मंगलवार दोपहर के समय किसान नेताओं से मुलाक़ात भी तय हो गई। क्योंकि खंडवा के इस आंदोलन की आज प्रदेश के अन्य जिलों में भी दिखाई देने लगी थी मंदसौर सागर जैसे जिलों में भी इस प्रकार की प्रदर्शन होने की खबरें सामने आने के बाद भाजपा नेतृत्व सक्रिय हुआ एवं मामले का समाधान निकालने की पहल की गई।
सूत्रों के अनुसार खंडवा जिले के आंदोलनरत किसानों के प्रतिनिधि मंडल के लिए प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से 3–4 किसानों को भोपाल बुलाया गया है। लेकिन प्रतिनिधि मंडल को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है।
सत्तारूढ़ दल से जुड़े कुछ लोगों ने किसानों को संकेत दिया है कि जिस किसान नेता ने विरोध स्वरूप मुंडन कराया था, त्रिलोक पटेल लेवा उसे शामिल न किया जाए।
लेकिन किसानों ने साफ शब्दों में मना करते हुए कहा –“हम उसके बिना नहीं जाएंगे। जिसने आंदोलन का नेतृत्व किया, वही हमारे साथ रहेगा।”
किसानों ने यहाँ तक कहा कि अगर भाजपा नेता एन मौके पर फरार हुए 'भगोड़े किसान नेता' को साथ लेकर गए तो भी वे मुलाकात में शामिल नहीं होंगे।
सांसद के वादे से असंतोष, विरोध चरम पर
15 नवम्बर के रेल रोको आंदोलन के दौरान
खंडवा सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने किसानों से वादा किया था कि 2–3 दिनों में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात करवा कर समस्याओं का समाधान कराएंगे।
लेकिन 8 दिन बीत जाने के बाद भी
– न मुलाकात हो सकी,
– न कोई समाधान मिला,
जिसके बाद किसानों में जबरदस्त नाराजगी फैल गई।
किसानों ने पहले शनिवार को टिगरिया और फिर रविवार को सुरगांव जोशी में सांसद के पुतले की शवयात्रा, मुंडन और चिता दहन किया। आरोप यह भी लगा कि आने वाले दिनों में अस्थि संचय, दशक्रिया और अन्नदान पंगत तक की तैयारी की जा रही थी।
यह व्यापक विरोध इतना तीव्र हो गया कि
सत्ता और संगठन में हड़कंप मच गया,
और सांसद की दिल्ली दरबार में पेशी तक हो गई।
भोपाल मुलाकात तय – रात 11 बजे से शुरू हुई मान-मनौव्वल
सूत्रों के अनुसार दिल्ली से ही मुख्यमंत्री के साथ किसानों की मुलाकात तय करवाई गई।
इसके बाद सोमवार देर रात 11 बजे से
भाजपा के विधायक, पदाधिकारी, जिला संगठन एवं जिला प्रशासन के प्रमुख लोग किसानों से संपर्क में जुट गए।
लेकिन तभी कुछ नेताओं ने फिर अफवाह फैलाई कि “त्रिलोक पटेल लेवा को साथ मत लाना।” इस पर किसान भड़क गए और बोले:
“जब आंदोलन का नेतृत्व करने वाले को ही साथ नहीं ले जाएंगे, तो ऐसी मीटिंग का क्या मतलब?”
अंत में सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल खुद बीच में आए,
किसानों से सीधे बात की और कहा कि
जो भी आंदोलन का नेतृत्व कर रहे थे, सभी को साथ लिया जाएगा।
किसानों ने यह भी साफ कर दिया कि आंदोलन के लिए उकसा कर बीचमे से भागे हुए भगोड़े नेताओं के साथ वे मुलाकात करने नहीं जायेंगे। आखिरकार लंबी बातचीत और समझाइश के बाद किसान भोपाल जाने के लिए तैयार हुए।
उम्मीद – समाधान निकले, आंदोलन की नौबत न आए
अब उम्मीद जताई जा रही है कि
मुख्यमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री से मुलाकात में
खंडवा किसानों की सभी जायज मांगों पर सकारात्मक निर्णय हो।
किसानों का कहना है कि उन्हें बस सम्मानजनक समाधान चाहिए, ताकि आगे किसी आंदोलन या प्रदर्शन की आवश्यकता न पड़े. और जनप्रतिनिधियों और अन्नदाता – दोनों का सम्मान बना रहे।