Agnipath scheme: मिथ्स बनाम फैक्ट्स - सरकार ने अग्निपथ योजना के बारे फैल रहे भ्रम को मिटाने जारी की जानकारी : पढ़े यहां...
सरकार ने गुरुवार को “मिथ्स बनाम फैक्ट्स” नामक दस्तावेज जारी कर लोगों की चिंताओं को दूर करने की कोशिश की है। सरकार द्वारा किस मिथक के बारे में क्या कहा गया है आइए जानते है...
सरकार ने कहा कि किसी भी देश की सेना के लिए 21 वर्ष का युवा अपरिपक्व और अविश्वसनीय नहीं होता है। क्योंकि दुनिया भर में अधिकतर सेनाएं अपने युवाओं पर ही निर्भर करती हैं।
लगातार हो रहे विरोध के कारण सरकार के लिए गले की फांस बनी ‘अग्निपथ’ योजना को लेकर लोगों में और खासकर युवाओं में काफी भ्रम की स्थिति है। इसकी वजह से कई शहरों में युवा सड़कों पर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। विपक्षी दलों ने भी सरकार की इस योजना को लेकर तीखी प्रतिक्रिया जताई है। ऐसे में सरकार ने गुरुवार को “मिथ्स बनाम फैक्ट्स” नामक दस्तावेज जारी कर लोगों की चिंताओं को दूर करने की कोशिश की है। सरकार द्वारा किस मिथक के बारे में क्या कहा गया है आइए जानते है...
चार साल की नौकरी भविष्य का क्या?
सरकार ने कहा है कि अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीर के रूप में अपनी सेवा के बाद उद्यमी बनने के इच्छुक लोगों को वित्तीय पैकेज और बैंक ऋण योजना दी जाएगी। आगे की पढ़ाई के इच्छुक लोगों को 12वीं कक्षा के समकक्ष प्रमाणपत्र और आगे की पढ़ाई के लिए एक ब्रिजिंग कोर्स की व्यवस्था की जाएगी। वेतनभोगी नौकरी की इच्छा जताने वालों को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और राज्य पुलिस में प्राथमिकता दी जाएगी। सरकार के अनुसार इसके अलावा भी “अन्य क्षेत्रों में भी उनके लिए कई रास्ते खोले जा रहे हैं। आने वाले समय में केंद्र और राज्यों में होने वाली नियुक्तियों में भी 4 वर्ष देश सेवा कर आने वाले अग्निवीर प्रमाण पत्र धारकों के लिए कोटा निर्धारित किया जाएगा।
सशस्त्र बलों में सेवा करने के अवसर कम होंगे
सरकार की ओर से कहा गया है कि युवाओं के लिए सशस्त्र बलों में सेवा करने के अवसर कम नहीं होंगे। सरकार द्वारा जारी दस्तावेज़ में बताया गया है कि अवसरों की संख्या बढ़ेगी। इसमें कहा गया है कि “अगले कुछ वर्षों में, अग्निवीरों की भर्ती सशस्त्र बलों में मौजूदा भर्ती के लगभग तीन गुना होगी। इससे अग्निवीरों को आगे सशस्त्र बल में भर्ती होने की संभावना अधिक होगी।
अग्निपथ से रेजिमेंटल बॉन्डिंग पर असर
सेना के पूर्व अधिकारियों की अग्निपथ की वजह से रेजिमेंटल बॉन्डिंग प्रभावित होने की चिंता पर सरकार ने दस्तावेज में कहा है कि रेजीमेंटल सिस्टम में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है। वास्तव में इसे और तेज किया जाएगा, क्योंकि सर्वश्रेष्ठ अग्निवीरों का चयन इसमें किया जाएगा, जिससे यूनिट की एकजुटता को और बढ़ावा मिलेगा।
योजना से सशस्त्र बलों के प्रभाव को नुकसान
सरकार ने जारी दस्तावेज में कहा कि यह एक मिथक है। साफ किया कि पहले वर्ष में भर्ती होने वाले अग्निवीरों की संख्या सशस्त्र बलों का केवल 3 प्रतिशत होगी। योजना से सशस्त्र बलों की प्रभावशीलता को कोई नुकसान नहीं होगा। इसके अलावा चार साल बाद सेना में फिर से शामिल होने से पहले अग्निवीरों के प्रदर्शन का पुनः टेस्ट किया जाएगा। इसलिए पर्यवेक्षी रैंक के लिए सेना को आजमाए और परीक्षाओं में सफल पाए गए कर्मियों को ही दिया जाएगा। सरकार ने कहा कि 21 वर्ष का युवा सेना के लिए परिपक्व होता है क्योंकि इस आयु में वह बिल्कुल चुस्त दुरुस्त होता है आज विश्व के कई देशों की सेनाएं इसी आयु वर्ग के युवाओं की सेवा ले रही है और वह सफल भी हो रहे है।
राज्यों में हिंसक विरोध प्रदर्शन
अग्निपथ’ के खिलाफ कई राज्यों में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच, सरकार ने बृहस्पतिवार को एक स्पष्टीकरण जारी कर कहा कि नया ‘मॉडल’ न केवल सशस्त्र बलों के लिए नयी क्षमताएं लाएगा, बल्कि निजी क्षेत्र में युवाओं के लिए अवसर के द्वार भी खोलेगा।सरकार ने साथ ही कहा कि यह योजना युवाओं को वित्तीय पैकेज की सहायता से उद्यमी बनने में मदद भी करेगा।इस योजना के तहत, सेना में इस वर्ष लगभग 40,000 सैनिकों की भर्ती होने की संभावना है, नौसेना में लगभग 3,000 नाविकों के शामिल होने की उम्मीद है और वायुसेना इस वर्ष 3,000 वायुसैनिकों की भर्ती करने के लिए तैयार है। सरकार के सूत्रों से कहा गया कि सरकार की योजना अग्निवीरों पर एक केंद्रीकृत डेटाबेस रखने की है ताकि चार साल के कार्यकाल के दौरान उनके द्वारा हासिल किए जाने वाले कौशल पर नजर रखी जा सके। और आगे के लिए उन्हें नए अवसर प्रदान करने का रास्ता भी इसी माध्यम से बना रहेगा।
राज्यों की सरकारों ने घोषणा की
इसके साथ ही उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश हरियाणा जैसे कई राज्यों की सरकारों ने घोषणा की है की 4 साल देश सेवा करके आने वाले अग्निवीरो को प्रदेश सरकार के अधीन होने वाली विभिन्न पदों की भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही अगर उन्हें स्वयं का उद्यम लगाना होगा तो उन्हें सरकारी गारंटी पर राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
21 वर्ष से बढ़ाकर आयु सीमा 23
इसके अलावा रक्षा मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि सरकार अग्निपथ योजना के लिए ऊपरी आयु सीमा में बढ़ोतरी करते हुए 21 वर्ष से बढ़ाकर इसे 23 वर्ष करने के लिए एकमुश्त छूट प्रदान करती है और इसके पीछे यह तर्क दिया जा रहा है कि कोरोना के कारण पिछले दो वर्षों में कोई भर्ती नहीं होने के कारण यह निर्णय लिया गया है।