वन विकास निगम के हजारों पौधों के प्लांटेशन पर बाईपास बना रही बेलेकर कंपनी ने पोकलेन घुमाई
वन विकास निगम के जिम्मेदार विभाग के एमडी के आर के यादव साहब के रिटायरमेंट से पहले के अंतिम विदाई दौरे के दौरान तीर्थ नगरि ओंकारेश्वर में तीर्थाटन कराने में लगे हुए हैं वहीं वन विकास निगम के प्लांटेंशन के हजारों पौधों पर सड़क निर्माण कर रहीबेलेकर जेवी इंजिनियर कॉन्ट्रैक्टर्स कंपनी मुरूम खोदने के नाम पर पोकलेन घुमा चुकी है।
वन विकास निगम के हजारों पौधों के प्लांट पर रोड बना रही बेलेकर कंपनी ने पोकलेन घुमाई
2019 में हुआ था आरडीएफ योजना का प्लांटेशन
अजीत लाड़
खंडवा। जिले के रूधी से देशगांव तक बाईपास रोड बना रही बेलेकर जेवी इंजिनियर कॉन्ट्रैक्टर्स कंपनी को जिला प्रशासन से मिली खुली छूट का नतीजा है कि अब कंपनी के लोग शासकीय जमीनों से उत्खनन के अलावा संरक्षित वन क्षेत्र के प्लांटेशन को भी उखाड़ कर मुरूम का उत्खनन करने लगे है। ताजा मामला जिले के वन विकास निगम अंतर्गत आने वाली टोकरखेड़ा बीट के कक्ष क्रमांक U 666 मे वर्ष 2019 में यहां आरडीएफ मद से लगभग 25 हजार से ज्यादा पौधे लगाए गए थे, जिन्हे पिछले कुछ दिनों में हाइवे का कार्य कर रही बेलेकर कंपनी के लोगों द्वारा यहां पर पोकलेन मशीन और दर्जन भर डंफर लगा कर बड़े पैमान पर खुदाई कर हजारों पौधों को नष्ट कर दिया गया है।
वन विकास निगम के अधिकारी एम डी के दौरे ने व्यस्त है
बताया जा रहा है कि इधर वन विकास निगम के लगभग सभी जिम्मेदार विभाग के एमडी आरके यादव के जिले की तीर्थनगरी ओंकारेश्वर में हो रहे दौरे में लगे हुए है। इधर रोड बना रही बेलेकर कंपनी के लोगों ने मौका देख कर जंगल के पौधे उखाड़ कर खुदाई शुरू कर दी। वह तो क्षेत्र के वन विकास निगम के डिप्टी रेंजर सचिन कैथवास को ग्रामीणों से जानकारी मिली तो आनन-फानन में वन रक्षक संजय रघुवंशी के साथ जाकर मौके का पंचनामा बनाया और निर्माण कार्य में लगे पोकलेन और डंफर जप्त कर कंपनी के लोगों को ही सुपुर्दगी में दे दिए है। ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार पोकलेन मशीन वोल्वो 300 एवं तीन डंफर जिनके नंबर क्रमशः MP 09 HC 6241, MH 14 HU 0421, MP 09 HB 1591 हैं
कंपनी का कहना हमारे पास इस खसरे की ऑनलाइन परमिशन
इधर बेलेकर कंपनी के लोगों का कहना है कि उनके पास इस खसरे की खुदाई की ऑनलाइन निकाली गई परमिशन की कॉपी है हमने उसी आधार पर यहां खुदाई की है। डीजी बेलेकर कंपनी के विशाल वसंत वैध से इस संदर्भ में बात करने के लिए कई बार काल किया परंतु उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया
वन अधिनियम में राजसात का नियम
भारतीय वन अधिनियम 1927 के अंतर्गत अगर कहीं से वनोपज का उत्खनन होता है और जुर्माने की राशि 1 हजार से अधिक होती है तो संबंधित मशीनरी जप्त होकर राजसात होती है और उसे छोड़ने का कोई प्रावधान नहीं है, बावजूद इसके कंपनी के प्रभाव के चलते वन विकास निगम द्वारा मात्र एक पोकलेन और तीन डंपर जप्त किए गए थे जिन्हे भी अभी कंपनी के ही लोगों को सुपरदनामे पर सौंप दिया गया है।