हरसूद में बनेगा 125 करोड़ का ट्रायबल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स – आदिवासी युवाओं के खेल सपनों को मिलेगी नई उड़ान

इसमें एथलेटिक्स, बैडमिंटन, क्रिकेट, टेनिस, वॉलीबॉल, फुटबॉल, बास्केटबॉल, हॉकी और स्विमिंग पूल जैसी अत्याधुनिक खेल सुविधाएं होंगी। इसका मुख्य उद्देश्य आदिवासी खिलाड़ियों को एशियाड और ओलंपिक के लिए तैयार करना है।

हरसूद में बनेगा 125 करोड़ का ट्रायबल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स – आदिवासी युवाओं के खेल सपनों को मिलेगी नई उड़ान


हरसूद को मिलेगा राष्ट्रीय खेल मानचित्र पर स्थान

मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के हरसूद विधानसभा क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव आने वाला है। यहां 125 करोड़ रुपये की लागत से ट्रायबल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनने जा रहा है, जो आदिवासी युवाओं के खेल कौशल को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक ले जाने में अहम भूमिका निभाएगा। इस मेगा प्रोजेक्ट की आधारशिला प्रदेश के आदिम जाति कल्याण मंत्री डॉ. विजय शाह ने रखी है। यह कॉम्प्लेक्स 60 एकड़ भूमि में फैला होगा और इसमें अत्याधुनिक खेल सुविधाएं होंगी।



स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में क्या होंगी सुविधाएं?

यह खेल परिसर सिर्फ एक साधारण स्टेडियम नहीं होगा, बल्कि एक बहुप्रयोजनीय खेल अकादमी होगी। इसमें आदिवासी खिलाड़ियों के लिए निम्नलिखित अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी:

✅ एथलेटिक्स ट्रैक
✅ बैडमिंटन कोर्ट
✅ क्रिकेट स्टेडियम
✅ टेनिस कोर्ट
✅ वॉलीबॉल और बास्केटबॉल ग्राउंड
✅ हॉकी मैदान
✅ फुटबॉल ग्राउंड
✅ ओलंपिक साइज स्विमिंग पूल
✅ प्रशिक्षण केंद्र और जिम

इस खेल परिसर का लक्ष्य आदिवासी युवाओं को एशियाड और ओलंपिक जैसे अंतरराष्ट्रीय आयोजनों के लिए तैयार करना है।



हरसूद और खालवा: बदलाव की ओर बढ़ता अंचल

हरसूद और खालवा क्षेत्र, जो कभी विकास से कोसों दूर थे, अब शिक्षा, स्वास्थ्य और खेल के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रहे हैं। सड़क, बिजली और बुनियादी ढांचे के अभाव से जूझ चुके इस क्षेत्र में अब आधुनिक खेल सुविधाओं का निर्माण हो रहा है, जो आदिवासी युवाओं को नए अवसर प्रदान करेगा।

यह परियोजना आदिवासी बच्चों और युवाओं के सपनों को पंख देने का काम करेगी। पहले जहां ये प्रतिभाशाली खिलाड़ी उचित संसाधनों के अभाव में पीछे रह जाते थे, वहीं अब उन्हें अपने ही क्षेत्र में विश्वस्तरीय प्रशिक्षण मिलेगा।



मंत्री विजय शाह की पहल: आदिवासी खेल प्रतिभाओं को मिलेगा मंच

मध्य प्रदेश सरकार आदिवासी विकास पर विशेष ध्यान दे रही है। आदिम जाति कल्याण मंत्री डॉ. विजय शाह की यह पहल सिर्फ एक खेल परियोजना नहीं, बल्कि एक सामाजिक क्रांति है। इस खेल परिसर से न सिर्फ आदिवासी युवाओं को खेलों में करियर बनाने का अवसर मिलेगा, बल्कि क्षेत्र की अर्थव्यवस्था और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

मंत्री विजय शाह ने कहा:
"यह ट्रायबल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स आदिवासी युवाओं के लिए एक वरदान साबित होगा। हमारा लक्ष्य है कि हरसूद और खालवा से अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी निकलें, जो एशियाड और ओलंपिक में भारत का नाम रोशन करें।"




राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर क्या होगा प्रभाव?

✅ मध्य प्रदेश का पहला ट्रायबल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनने से प्रदेश को राष्ट्रीय खेल नक्शे पर एक नई पहचान मिलेगी।
✅ आदिवासी बच्चों और युवाओं को निःशुल्क या सब्सिडी पर प्रशिक्षण मिलने की संभावना बढ़ेगी।
✅ इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद हरसूद खेल पर्यटन के रूप में भी विकसित हो सकता है।
✅ स्थानीय रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, जिससे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।


बड़ी बात: यह प्रोजेक्ट कब तक पूरा होगा?

हालांकि सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए 125 करोड़ रुपये आवंटित कर दिए हैं और निर्माण कार्य जल्द ही शुरू होने वाला है, लेकिन यह देखना होगा कि यह स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स कब तक बनकर तैयार होता है। अगर यह योजना सही समय पर पूरी होती है, तो निश्चित रूप से मध्य प्रदेश और खासतौर पर आदिवासी समुदाय के लिए एक नया स्वर्णिम अध्याय लिखेगा।


क्या कहते हैं स्थानीय लोग और विशेषज्ञ?

सुनील जैन, बीजेपी प्रवक्ता (खंडवा):

"यह खेल परिसर आदिवासी युवाओं के लिए सुनहरे अवसर खोलेगा। खेलों में रुचि रखने वाले बच्चों को अपने ही जिले में विश्वस्तरीय सुविधाएं मिलेंगी, जिससे उन्हें बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।"

स्थानीय युवा खिलाड़ी: राम सिंह चौहान

"पहले हमें बड़े शहरों में जाकर ट्रेनिंग लेनी पड़ती थी, लेकिन अब अगर अपने जिले में ही ऐसी सुविधाएं मिलेंगी तो हमारे लिए खेलों में आगे बढ़ना आसान होगा।"


: आदिवासी युवाओं के लिए नया युग

हरसूद विधानसभा क्षेत्र में बनने वाला यह ट्रायबल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स न केवल एक खेल परिसर होगा, बल्कि यह आदिवासी बच्चों के सपनों को पूरा करने का एक जरिया बनेगा। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि यह प्रोजेक्ट कितने समय में पूरा होता है और इससे कितने नए खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमकते हैं।

✅ क्या यह प्रोजेक्ट आदिवासी युवाओं के लिए वरदान साबित होगा?
✅ क्या हरसूद से भी अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी निकलेंगे?
✅ क्या यह खेल परिसर मध्य प्रदेश के खेलों में क्रांति लाएगा?

इन सवालों के जवाब भविष्य के गर्भ में हैं, लेकिन इतना तय है कि यह पहल आदिवासी युवाओं को खेलों में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी।