2 साल 7 महीने बाद महाराष्ट्र में नया सवेरा बनेगी नई सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद फ्लोर टेस्ट से पहले उद्धव हुए दंडवत दिया इस्तीफा
अपनी आखिरी कैबिनेट मीटिंग में उद्धव ठाकरे ने औरंगाबाद और उस्मानाबाद के नाम बदले जाते जाते हिंदुत्व के एजेंडे पर लौटते नजर आए सरकार, कल शपथ ले सकते है नई सरकार के मुखिया देवेंद्र फडणवीस...

महाराष्ट्र पॉलीटिकल क्राइसिस: पिछले 10 दिनों से चल रहा महाराष्ट्र का राजनीतिक उठापटक वाला संकट आखिर बुधवार रात 9:00 बजे सुप्रीम कोर्ट से आए फ्लोर टेस्ट कराने के फैसले के बाद खत्म होता दिखाई दे रहा है सुप्रीम कोर्ट में सरकार के पक्ष में फैसला नहीं आने के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने फेसबुक लाइव आते हुए मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र की घोषणा कर दी साथ ही देर रात राजभवन जाकर राज्यपाल को अपना त्यागपत्र सौंप दिया इससे पहले उन्होंने विधान परिषद का पद त्यागने की भी घोषणा की।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बताया लिखी हुई कहानी
उद्धव ठाकरे ने अपने मुख्यमंत्री रहते हुए आखिरी फेसबुक लाइव में कई बड़ी बातें कहीं जिनमें सुप्रीम कोर्ट में उनकी तरफ से लगाई गई याचिका पर हुई सुनवाई और सुप्रीम कोर्ट द्वारा फ्लोर टेस्ट को टालने के सरकार के प्रयासों को जब आशातित सफलता नहीं मिली और सुप्रीम कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट कराने के आदेश दे दिए तो उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्क्रिप्टेड बताते हुए उसी पर सवाल खड़े किए और मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र देने की घोषणा कर दी बता दें कि महाराष्ट्र में महा विकास आघाडी सरकार की प्रमुख शिवसेना के 55 में से 41 विधायक पार्टी नेता एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में उद्धव के खिलाफ महाविकास आघाड़ी सरकार से अलग होने की मुहिम छेड़ते हुए विद्रोह का बिगुल बजा चुके थे। उनके साथ ही लगभग 10 अन्य निर्दलीय विधायक जो सरकार को अपना समर्थन दे रहे थे वह भी 9 दिनों तक पहले सूरत फिर असम के गुवाहाटी में एक होटल में डेरा डाले हुए थे।
मुझे अपनों ने धोखा दिया _ उद्धव
अपने आखिरी आधिकारिक फेसबुक संबोधन में उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में बगावत कर रहे विधायकों और नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि मुझे अपनों ने दगा दिया गैरों में कहां दम था उन्होंने कहा कि मुझे मुख्यमंत्री पद की लालच नहीं थी मैं तो मुख्यमंत्री बनना भी नहीं चाहता था पर एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार और कांग्रेसी अध्यक्ष सोनिया गांधी के कहने पर मुझे मुख्यमंत्री बनना पड़ा था और मैं पहले ही पद छोड़ना चाहता था मैंने शासकीय आवास वर्षा बंगला भी छोड़ा था उस दिन मैं मुख्यमंत्री पद छोड़ना चाहता था परंतु एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार और कुछ अन्य सहयोगीओ के कहने पर उस दिन त्यागपत्र नहीं दिया था मैं मुख्यमंत्री का पद और विधान परिषद की सदस्यता त्याग रहा हूं। मैं शिवसेना के लिए कार्य करता रहूंगा। फिर नए सिरे से शिवसेना को खड़ा करूंगा।
राजभवन से निकलते ही पहुंचे मंदिर
महाराष्ट्र सरकार के 2 वर्ष 7 महीने मुखिया रहते हुए उद्धव ठाकरे शिवसेना के मुख्य हिंदुत्व वाले एजेंडा से भले ही कांग्रेस और एनसीपी के दबाव के चलते दूर रहे हो परंतु जाते जाते उन्होंने बुधवार 5:00 बजे बुलाई आखिरी कैबिनेट में जहां 2 शहरों के नाम बदलने की घोषणा करते हुए कैबिनेट का आदेश पारित किया वही देर रात राजभवन पहुंचकर राज्यपाल को त्यागपत्र की काफी देकर वापस निकलने के 5 मिनट के भीतर अपने बेटों के साथ मंदिर पहुंचकर भगवान के दर्शन किए जो उद्धव ठाकरे महा विकास आघाडी सरकार में मुख्यमंत्री रहते हुए हिंदुत्व की बात करने में भी झिझक रहे थे वहीं सरकार जाते ही वापस अपने आप को कट्टर हिंदू साबित करते हुए हिंदुत्व की लाइन पर लौटने लगे।
आज फडणवीस करेंगे सरकार बनाने का दावा
पिछले दिनों से चल रहे घटनाक्रमों पर दूर से दृष्टि बनाए रखने वाली भारतीय जनता पार्टी ने आखिर में मंगलवार को मामले में सीधे एंट्री करते हुए भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राजभवन पहुंच कर राज्यपाल से मिलकर एमवीए सरकार अल्पमत में होने का दावा करते हुए मुख्यमंत्री को फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश देने के लिए पत्र सौंपा था जिसके बाद राज्यपाल ने गुरुवार को विधानसभा का सत्र बुलाकर विश्वासमत हासिल करने को कहा था। परंतु पहले ही विश्वासमत को चुकी सरकार के मुख्यमंत्री ने फ्लोर टेस्ट पर जाने के स्थान पर फेसबुक लाइव से महाराष्ट्र की जनता को संबोधित करते हुवे त्यागपत्र की घोषणा कर दी इसके बाद बीजेपी में जश्न का माहोल शुरू हुआ था। पार्टी कोर कमेटी की आज बैठक बुलाई गई है जिसके बाद देवेंद्र फडणवीस राज्यपाल से मिल कर सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते है। और संभावना जताई जा रही है की शुक्रवार 1 जुलाई को फडणवीस और उनका मंत्री मंडल शपथ ग्रहण कर सकता है।
बागी आज पहुंचेंगे मुंबई
एकनाथ शिंदे के समर्थक शिवसेना के बागी विधायक एवं अन्य निर्दलीय विधायक जो एकनाथ शिंदे को समर्थन दे रहे हैं वह सभी गुरुवार को गुवाहाटी के कामाख्या मंदिर में दर्शन के बाद रात्रि गोवा पहुंच चुके हैं वहां ताज होटल में रुके हुए हैं वे सभी शुक्रवार को मुंबई पहुंच सकते हैं क्योंकि उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र के बाद नई सरकार के गठन में इन सभी की भूमिका हम रहने वाली है शुक्रवार को है एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस मुलाकात कर नए मंत्रिमंडल पर औपचारिक चर्चा कर सकते हैं संभावना जताई जा रही है कि शिवसेना एकनाथ मुंडे गुटके 13 मंत्रियों को नई सरकार में शामिल किया जा सकता है वह कुछ निर्दलीय विधायकों को भी मंत्री पद मिलने की संभावना जताई जा रही है।
जाते-जाते बदल गए नाम
महा विकास आघाडी की सरकार के साथ ही शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री तो बन गए थे परंतु एनसीपी और कांग्रेस के दबाव में ऐसे रहे थे कि अपने फैसले नहीं ले पा रहे थे और लगातार शिवसेना के हिंदुत्व के मुद्दे से दूर होते जा रहे थे इसी का नतीजा रहा कि उन्हीं की पार्टी के 40 से ज्यादा विधायकों ने उनके खिलाफ बगावत कर दी और उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटा दिया इससे पहले बुधवार को उन्होंने अपनी सरकार की आखिरी कैबिनेट मीटिंग बुलाकर खुद को हिंदुत्ववादी साबित करने के लिए महाराष्ट्र के औरंगाबाद और उस्मानाबाद शहरों के नाम जिन्हें बदलने की मांग सरकार बनने के समय से की जा रही थी को बदलकर औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर और उस्मानाबाद का नाम धाराशिव करने का आदेश कर दिया। उनके इस फैसले का मंत्रिमंडल में शामिल कांग्रेस विधायकों ने विरोध भी किया जिसे दरकिनार कर दिया गया इससे नाराज होकर कांग्रेस कोटे के मंत्री कैबिनेट मीटिंग छोड़कर बाहर निकल गए परंतु वह भी इसके खिलाफ सार्वजनिक रूप से चुप्पी साधे रहे क्योंकि भले ही वे कैबिनेट में विरोध कर रहे हो परंतु सार्वजनिक रूप से इस पर बोलकर हिंदू वोट बैंक को नाराज नहीं करना चाहते थे।
सरकार बदलने से पहले पुलिस ने दिया नोटिस
महाराष्ट्र की महा विकास आघाडी सरकार जाते ही पुलिस ने सुर बदल लिए हैं और एमवीए में शामिल रहे तीनो दलों शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस को नोटिस देते हुवे कोई भी भड़काऊ भाषण नहीं देने की चेतावनी दे दी है। बतादे की जब से सरकार संकट में आई है सरकार में शामिल दलों के नेता लगातार भड़काऊ बयान दे रहे थे, शिवसेना के राज्यसभा सांसद और बड़बोले नेता संजय राउत लगातार बागी हुए विधायकों पर निशाना साधते रहे है वहीं उन्हें खुली धमकियां भी देते नजर आए थे। उन्होंने यहां तक धमकी दे दी थी की बागी विधायकों की डेड बॉडीयां गुवाहाटी से आयेगी जिनका विधान सभा में पोस्टमार्टम कराया जायेगा। बाद में विवाद गहराने पर सफाई देते हुवे बागी विधायकों का जमीर मरने की बात कहने लगे थे इससे पहले भी वे शिवसेनिकों को भड़काने वाले बयान देते रहे है जिसके बाद कई बागी विधायकों के कार्यालयों और आवासों पर शिवसेना कार्यकर्ताओं ने हमले कर तोड़फोड़ कर दी थी। पुलिस को आने वाले समय में भी इसी प्रकार के भड़काऊ भाषणों और बयानों से महाराष्ट्र माहौल बिगड़ने की संभावना थी जिसके चलते उन्होंने तीनों पार्टियों को नोटिस थमा कर मुंह बंद रखने का निर्देश दिया है ताकि किसी प्रकार से नई सरकार के गठन में कोई गड़बड़ी ना है बताते चले कि यही पुलिस उद्धव ठाकरे और एनसीपी के नेताओं के इशारों पर पिछले ढाई वर्ष से लगातार विपक्षी दलों के लोगों को परेशान करती आई है कई लोगों के खिलाफ एमबीए गवर्नमेंट राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते प्रकरण दर्ज कर उन्हें लगातार प्रताड़ित किया गया था अब सरकार बदलते ही पुलिस ने भी अपना रुख साफ कर दिया है ऐसे में आने वाले समय में एमबीए के बयान भी नेताओं के खिलाफ भी कार्रवाई देखी जा सकती है।