क्या अब छत्तीसगढ़ में भी हो सकता है सियासी विस्फोट ?

छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हर बार कुछ भी होने पर केंद्र पर इलजाम डालना चाहते हैं। छत्तीसगढ़ में सरकार की स्थिति क्या है यह तो सबके सामने है। यहां पर स्थिति विस्फोटक से कम नहीं है। उन्होंने कहा की छत्तीसगढ़ में कभी भी विस्फोट हो सकता है।

क्या अब छत्तीसगढ़ में भी हो सकता है सियासी विस्फोट ?

महाराष्ट्र के सियासी हालात पर छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक कि कही बड़ी बातों के क्या है मायने...

महाराष्ट्र के बाद छत्तीसगढ़ में सियासी भूचाल के संकेत

इस वक्त महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आया हुआ है। शिवसेना के ही एक सिपाही एकनाथ शिंदे ने कथित रूप से पार्टी से बगावत कर अपने पार्टी के मुखिया उद्धव ठाकरे के खिलाफ खुलकर बगावत कर मोर्चा खोल दिया है। उनके साथ शिवसेना के इतने विधायक बताये जा रहे हैं जिससे महाराष्ट्र में सियासी बवाल खड़ा हो गया है। इधर महाराष्ट्र में चल रहे सियासी कोहराम को छत्तीसगढ़ की राजनीति से जोड़ते हुए छत्तीसगढ़ विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने बड़ा बयान देते हुवे कहा है कि छत्तीसगढ़ में कभी भी हो सकता है बड़ा सियासी विस्फोट।  कौशिक के मुताबिक छत्तीसगढ़ में भी सत्तारूढ़ कांग्रेस की अंदरूनी स्थिति बिल्कुल भी अच्छी नहीं है।

छत्तीसगढ़ में कभी भी विस्फोट हो सकता है

छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हर बार कुछ भी होने पर केंद्र पर इलजाम डालना चाहते हैं। छत्तीसगढ़ में सरकार की स्थिति क्या है यह तो सबके सामने है। यहां पर स्थिति विस्फोटक से कम नहीं है। उन्होंने कहा की छत्तीसगढ़ में कभी भी विस्फोट हो सकता है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की अंदरूनी स्थिति स्थिति अच्छी नहीं है। प्रदेश में स्थिति क्या है यह सबको पता है। आखिर मुख्यमंत्री इतना घबरा क्यों रहे हैं। जब पार्टी के अंदर ही सम्मान ना हो पार्टी के अंदर ही लोग अपमानित महसूस करने लगे तो आखिर कौन क्या कर सकता है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को केंद्र पर अनर्गल आरोप लगाने के बजाय अपनी कमीयां देखना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष द्वारा कही गई इन बातो के मायने निकालने सियासतदानों ने शुरू कर दिए है। छत्तीसगढ़ के सियासी हालात पर नजर रखने वाले राजनैतिक विशेषज्ञों का कहना है कि भूपेश बघेल के नेतृत्व में चल रही सरकार से उन्हीं की पार्टी के कई वरिष्ठ नेता संतुष्ट नजर नहीं आरहे है। कई बार कांग्रेस की अंदरूनी कलह सामने भी आ चुकी है। बावजूद सीएम भूपेश बघेल का ज्यादातर ध्यान दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान की तीमारदारी में लगा रहता है ऐसे हालात में छत्तीसगढ़ में भी किसी भी समय नया सियासी समीकरण उभर सकता है। कांग्रेस की अंदरूनी कलह का फायदा उठाने के लिए भाजपा ने भी पूरे मामले पर अपनी निगाहें टिका रखी है और वह सही समय का इंतजार करने में लगी हुई है। फिलहाल देखना होगा महाराष्ट्र में आए इस राजनैतिक भूकंप का कितना असर छत्तीसगढ़ में देखने को मिलता है।