विशाल ध्वज यात्रा के साथ किया नववर्ष का स्वागत
भगवान आदिनाथ एवं पारसनाथ भगवान का अभिषेक वह सभी के कल्याण के लिए शांतिधारा की गई वही शिखरजी पर आए संकट के निदान के लिए भगवान पाश्र्वनाथ मंडल विधान की पूजा अर्चना की गई।

विशाल ध्वज यात्रा के साथ किया नववर्ष का स्वागत
क्षुल्लिका ससंघ के सानिध्य में दयोदय तीर्थ बोरगांव खुर्द में हुई मंडल विधान की पूजा
खंडवा। अकृत्रिम चैत्यालयों की पूजन भक्ति करने से सातिशय पुण्य का लाभ मिलता है। इनका वैभव भी अतुलनीय होता है। सम्पूर्ण जैन समाज इन दिनों अपने धर्मतीर्थ शिखरजी क्षेत्र पर किये जा रहे उपसर्ग को लेकर विकट संकट में है। सम्पूर्ण विश्व के लिये यह नववर्ष सुख ,शांति व समृद्धि से भरपूर हो।प्रत्येक प्राणी अपार खुशी से परिपूर्ण हो। यह उद्गार नववर्ष की पावन बेला में धर्मोदय तीर्थ बोरगांव खुर्द में आयोजित मंडल विधान की पूजा के अवसर पर प्रवचन देते हुए विस्मिता श्री माताजी ने व्यक्त किए माताजी ने कहा कि हमारा नया वर्षगुड़ी पड़वा से शुरू होता है लेकिन अंग्रेजी कैलेंडर के माध्यम से 1 जनवरी को नववर्ष मनाया जाता है। नववर्ष का स्वागत हम मौज मस्ती के साथ ना करते हुए अध्यात्म एवं धर्म और संस्कृति के प्रकल्पो के साथ प्रभु भक्ति के साथ करे। माताजी ने कहा कि आज हम समाजजनों पर एक बड़ा संकट खड़ा हुआ है। हमारी पवित्र सिद्ध भूमि शिखर जी को सरकार द्वारा पर्यटन क्षेत्र घोषित कर दिया गया है जो कि निंदनीय कदम है। नववर्ष की पावन बेला में हम सभी पारसनाथ भगवान से मंडल विधान की पूजा के साथ यह प्रार्थना करते हैं कि आया हुआ संकट जल्द समाप्त हो।
समाज के सचिव सुनील जैन ने बताया कि माता जी के सानिध्य में धर्म प्रभावों को लेकर अनेक कार्यक्रम आयोजित हुए नववर्ष की पावन बेला का स्वागत जैन समाज ने खंडवा से नर्मदा कीर्ति बोरगांव पुस्तक हाथों में ध्वज लेकर पैदल यात्रा के माध्यम से किया। धर्मोदय तीर्थ में माता जी के सानिध्य में भगवान आदिनाथ एवं पारसनाथ भगवान का अभिषेक वह सभी के कल्याण के लिए शांतिधारा की गई वही शिखरजी पर आए संकट के निदान के लिए भगवान पाश्र्वनाथ मंडल विधान की पूजा अर्चना की गई।
इसी मंगल कामना के साथ सकल दिगम्बर जैन समाज द्वारा पूÓय क्षुल्लिका जी विस्मिताश्री माताजी ससंघ के सानिध्य में खण्डवा से बोरगांवखुर्द तक ध्वज यात्रा का आयोजन किया गया है। इस पद यात्रा में बैंड बाजे व जैन धर्म के जयकारों के साथ समाज जन 170 ध्वजाएं लेकर चलें। अकृत्रिम चैत्यालायों की प्रतीक ये ध्वजाएँ अतिशयकारी मांगलिक चिन्हों से सुशोभित नजर आई।
यह ध्वज यात्रा रविवार प्रात: 7 बजे घासपुरा स्थित महावीर जैन मंदिर से प्रारम्भ होकर दयोदय तीर्थ (बोरगांव खुर्द ) पर जाकर संपन्न हुई। अतिशयकारी आदिनाथ भगवान का अभिषेक व विश्व मंगल की कामना के साथ शांतिधारा की गई। पश्चात संगीतमय पाश्र्वनाथ विधान हुआ। विधानाचार्य पंडित निखलेश जैन व अर्पित जैन के मार्गदर्शन में सम्पन्न इस विधान में अष्ट मंगल द्रव्य, अष्ट प्रातिहार्य व पँचमेरु की स्थापना कर 64 अघ्र्य समर्पित किये गए साथ ही पूÓय माताजी के मंगल आशीर्वचन व आहारचर्या का लाभ सुमित कुमार प्रदीप कासलीवाल परिवार को प्राप्त हुआ। श्री आदिनाथ दयोदय ट्रस्ट एवं गौशाला परिवार द्वारा प्रभावना स्वरूप स्वल्पाहार की व्यवस्था की गई। आयोजित कार्यक्रम में दिलीप पहाडिय़ा विजय सेठी, सतीश काला सुमित कासलीवाल पंकज महल,वीरेंद्र अविनाश जैन, अरूण हरसोला, प्रफुल्ल कासलीवाल, पवन गदिया, अतुल जैन, योगिता जैन, प्रीति लुहाडिय़ा, राजकुमारी विनय चौधरी, सरोज गदिया सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।