ओंकारेश्वर में एक और दर्दनाक हादसा! 5 दिन में 3 मौतें – तीर्थनगरी में पसरा मातम

ओंकारेश्वर में पांच दिनों के भीतर डूबने से तीसरी मौत, कानपुर से आए 21 वर्षीय कृष्णा साहू की घाट पर डूबने से दर्दनाक मौत। जलस्तर के उतार-चढ़ाव और प्रशासनिक लापरवाही पर उठे सवाल। श्रद्धालुओं में दहशत का माहौल।

ओंकारेश्वर में एक और दर्दनाक हादसा! 5 दिन में 3 मौतें – तीर्थनगरी में पसरा मातम
ओम्कारेश्वर में नर्मदा में डूबने सें पांच दिन में तीसरी मौत

खंडवा/ओंकारेश्वर।

पवित्र ओंकारेश्वर अब श्रद्धा की नहीं, डूबते हुए सपनों और मौत की घाट बनती जा रही है! बीते 5 दिनों में 3 जानें चली गईं और आज एक बार फिर कानपुर से आए 21 वर्षीय युवक की दर्दनाक मौत ने सभी को झकझोर कर रख दिया।

कानपुर से आया था दर्शन करने – लौट रहा है अर्थी पर!

घटना में मृतक की पहचान कृष्णा साहू पिता संतोष साहू (उम्र 21 वर्ष, निवासी कानपुर) के रूप में हुई है। वह 20 साथियों के साथ ओंकारेश्वर दर्शन करने आया था। लेकिन घाट पर अचानक बढ़े जलस्तर ने सब कुछ छीन लिया। कृष्णा गहरे पानी में समा गया, और उसे बचाया नहीं जा सका।

 होमगार्ड की तत्परता – दो को बचाया, एक न बच सका!

गनीमत रही कि घाट पर तैनात होमगार्ड जवानों ने दो अन्य युवकों की जान समय रहते बचा ली, लेकिन कृष्णा की जान नहीं बचा सके। मृतक के साथ आए अन्य श्रद्धालु सदमे में हैं।

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⚠️ ओंकारेश्वर में मौत का घाट बनते जा रहे हैं पावन स्थल!

 5 दिन – 3 लाशें!

2 दिन पहले: 17 वर्षीय राजदीप (निवासी होगावा) की ब्रह्मपुरी घाट पर डूबने से मौत

3 दिन पहले: देवांश मल्होत्रा, इकलौता पुत्र, मार्कंडेय आश्रम के नीचे डूबा

आज: कृष्णा साहू, कानपुर निवासी, घाट पर डूबा

ओंकारेश्वर के घाटों पर हर दिन मौत मंडरा रही है, लेकिन प्रशासन की नींद अब भी नहीं टूटी!

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 नाविक संघ का बड़ा बयान – “बांध बना तब से मौतें ही मौतें”

नाविक संघ सचिव अरुण कुमार वर्मा ने मीडिया से बातचीत में कहा –

“ओंकारेश्वर बांध का जलस्तर बिना किसी पूर्व सूचना के कभी भी घटता-बढ़ता है। ये हादसे इसी का नतीजा हैं। हर महीने 4-5 घटनाएं होती हैं, और अब तक हज़ारों की संख्या में श्रद्धालु डूब चुके हैं।”

❌ डीज़ल बोट पर रोक – जान बचाने वाले ही बेबस!

अरुण वर्मा ने प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा –

 “प्रशासन ने डीज़ल इंजन वाली नावों पर रोक लगा दी है, जिससे नाविक आपात स्थिति में श्रद्धालुओं की मदद नहीं कर पा रहे हैं। अगर नाव संचालन चालू रहता, तो कई लोगों की जान बचाई जा सकती थी।”

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 प्रशासन का ढुलमुल रवैया – किसकी जिम्मेदारी है ये मौतें?

श्रद्धालुओं की सुरक्षा के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हो रही है। घाटों पर कोई स्थाई सुरक्षा बल नहीं, न लाइफ जैकेट्स, न चेतावनी बोर्ड। घाटों की हालत भगवान भरोसे है।

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 Khabar Bharat की अपील: जागिए प्रशासन! संभलिए श्रद्धालु!

हमारी अपील है कि –

शासन ओंकारेश्वर बांध के जलस्तर को नियंत्रित करने की स्थायी व्यवस्था करे।

डीजल बोट संचालन पर लगी रोक हटाई जाए।

हर घाट पर सुरक्षा गार्ड, लाइफ जैकेट्स और चेतावनी बोर्ड अनिवार्य किए जाएं।

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⚠️ श्रद्धालुओं से विनम्र अपील

 कृपया घाटों पर नहाते समय सतर्क रहें

 बच्चों और बुज़ुर्गों को घाट के गहरे हिस्से से दूर रखें

 प्रशासन द्वारा लगाए गए निर्देशों का पालन करें

याद रखिए – आपकी सतर्कता ही आपकी सुरक्षा है!